वाराणसी (ब्यूरो)। वल्र्ड कप के फाइनल मैच में इंडिया और आस्ट्रेलिया के बीच मुकाबले के लिए एक दिन पहले सट्टा बाजार सज गया था। भारत की जीत के लिए अकेले वाराणसी में करोड़ों का सट्टा लगा। बड़े-बड़े शहरों में बैठे बुकियों ने शहर के होटलों में एजेंटों को एक दिन पहले ही बैठा दिया। पुलिस की नजरों से बचने के लिए पूरे शहर में सक्रिय एजेंटों ने दनादन भाव लेने शुरू कर दिया। सट्टा बाजार में टीम इंडिया का पल्ला भारी रहा। इस वजह से इंडिया का भाव कम मिल रहा था, लेकिन आस्ट्रेलिया पर ज्यादा था। इंडिया की जीत पर सट्टे की रकम 200 करोड़ पहुंच गया था तो वहीं आस्ट्रेलिया पर भी 50 करोड़ का दांव लगा था। यह पूरा सट्टा बाजार ऑनलाइन है। मुनाफे के लिए पैसे वाले ही नहीं, बल्कि मीडिल क्लास के लोगों ने सट्टे में रकम लगा रखी थी। अंत में इंडिया की शर्मनाक हार के चलते बनारस के लोगों का 150 करोड़ डूब गया। हालांकि आस्ट्रेलिया पर दांव लगाने वालों की दीवाली बन गई.
100 से अधिक एजेंट
धर्मनगरी में एक-दो नहीं 100 से अधिक की संख्या में एजेंट है। शहर से लेकर देहात तक उनका नेटवर्क फैला हुआ है। हालांकि शहर में सक्रिय सट्टेबाज पुलिस के निशाने पर हैं, लेकिन मैच खत्म होने तक कोई सट्टेबाज या इस गोरखधंधे में जुड़ा व्यक्ति पुलिस के हाथ नहीं लगा। मैच खत्म होने के बाद शहर में मौजूद एक या दो बुकी शहर से बाहर निकल गए। बनारस में सक्रिय सट्टेबाज दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद में बैठे बुकी के संपर्क में रहे। सट्टेबाजों ने होटल के अलावा ऑलीशान सोसाइटी में फ्लैट ले रखा है.
दनादन शुरू हुआ था भाव
फाइनल मैच को लेकर शनिवार से दनादन भाव लगना शुरू हो गया था। टॉस से लेकर पहले बल्लेबाजी कौन करेगा। अधिकतर लोगों ने इंडिया के टॉस जीतने और पहले बैटिंग पर पैसा लगाया था, लेकिन आस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और टीम इंडिया को बैटिंग देकर सट्टेबाजों के साथ पैसा लगाने वालों को दुविधा में डाल दिया। जनता ही नहीं सट्टा बाजार भी यह मानकर चल रहा था कि टीम इंडिया का पल्ला भारी है.
पुलिस को भी थी जानकारी
वल्र्ड कप के फाइनल मैच पर सट्टा लगने की जानकारी पुलिस को भी थी। पुलिस ने भी सट्टेबाजों पर शिकंजे के लिए प्लानिंग तैयार की थी। पुलिस को गोपनीय रूप से सूचना मिली थी कि कई सट्टेबाज होटलों और सोसाइटी में कमरा लेकर इसे संचालित कर रहे थे, लेकिन गली और आउटर के होटलों की जानकारी होने पर पुलिस उनके तक नहीं पहुंच पाई। कई एजेंट मैच शुरू होने से पहले अपने-अपने ठिकानों पर पहुंच गए थे। कई ने कार में बैठकर यह खेल कर रहे थे। ताकि पुलिस को किसी की सटीक लोकेशन नहीं मिले.