वाराणसी (ब्यूरो)। कोरोना काल 2020-21 के दौरान स्कूलों में ली गई फीस की 15 परसेंट वापसी पेच वाराणसी में भी फंस गया है। दो महीने के दौरान डीआईओएस की तरफ से स्कूलों को दो लेटर जारी किए जा चुके हैं। अब फिर रिमाइंडर देने की तैयारी है। उधर, नोएडा, प्रयागराज समेत कई जिलों में स्कूलों को नोटिस जारी होने के बाद यहां भी चर्चा शुरू हो गई है। वाराणसी में बड़े प्राइवेट स्कूलों की संख्या करीब 250 है, जिनमें हजारों बच्चे पढ़ रहे हैं। अभी तक शिक्षा विभाग की ओर से फीस वापसी की राशि का पूरी तरह से आकलन भी नहीं किया गया है। वहीं, कुछ स्कूलों का दावा है कि उनकी तरफ से इसका समायोजन कर दिया है.
क्या था कोर्ट और सरकार का आदेश
जनवरी में हाईकोर्ट का आदेश आया था। कोर्ट ने स्कूलों को कोरोना काल के दौरान सत्र 2020-21 में ली गई फीस का 15 प्रतिशत अगले सत्र में एडजस्ट करने और जिस बच्चे ने स्कूल छोड़ दिया है, उन्हें फीस वापस करने की बात कही थी। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, दो महीने में मामले का निस्तारण करने का भी आदेश दिया था। 2020 में दाखिल याचिकाओं के आधार पर यह फैसला लिया गया। फरवरी में हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने भी फीस वापसी का आदेश जारी किया था। विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा डॉ। रूपेश कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक, सभी डीएम, डीआईओएस व मंडलीय संयु1त शिक्षा निदेशकों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए थे.
यहां लटका है मामला
दो महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी निजी स्कूलों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट व सरकार के फीस वापसी और फीस समायोजन का आदेश नहीं माना है। कोविड काल 2020-21 के दौरान ली गई फीस का 15 परसेंट अभी तक पेरेंट्स को वापस नहीं किया गया है। जानकारों का कहना है कि शहर में जितने भी स्कूल हैं, अगर उनको अपनी एक साल की फीस का 15 फीसदी लौटाना होगा तो यह राशि करोड़ों में होगी, इसी कारण स्कूलों ने भी चुप्पी साथ ली है। प्रशासन भी इस संबंध में कुछ कार्यवाही नहीं कर रहा है। इस बीच यह तर्क भी दिया जा रहा है कि कोविड काल के दौरान स्कूलों ने अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अपनी तरफ से 20 से 40 परसेंट के बीच छूट दी थी।
शिकायत का दिया था अधिकार
शासन से जारी हुए आदेश में पेरेंट्स को स्कूलों के खिलाफ शिकायत का भी अधिकार दिया गया था। पेरेंट्स जिला शुल्क समन्वय समिति के सामने शिकायत कर सकते थे। जिला शुल्क समन्वय समिति के फैसले से संतुष्ट न होने पर मंडलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपीलीय प्राधिकरण के सामने अपील कर सकते थे।
सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई
पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक मधोक का कहना है कि जिले के बहुत से स्कूलों ने 15 फीसदी फीस का समायोजन कर दिया है। और स्कूल भी कर रहे हैं। कुछ स्कूल एसोसिएशन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है, जिस पर अगले हफ्ते सुनवाई की उम्मीद है। अपील में राजस्थान राज्य का हवाला दिया गया है। वहां पिछले दो साल के दौरान फीस बढ़ोत्तरी हो गई है, जिसके चलते स्कूलों को 15 फीस के समायोजन में दिक्कत नहीं आई। यूपी में दो साल से स्कूलों की फीस नहीं बढ़ी है। सुप्रीम कोर्ट जाने वाले स्कूलों का कहना है कि फीस बढ़ोत्तरी न होने तथा 15 फीसदी फीस का समायोजन होने से उनके ऊपर दोहरा संकट खड़ा हो गया है.
दो लेटर भेजे जा चुके हैं। कुछ स्कूलों ने मौखिक जानकारी दी है कि फीस समायोजन कर रहे हैं। अ अब तीसरा और अंतिम लेटर भेजा जा रहा है। इसके बाद नोटिस देकर कार्रवाई शुरू होगी.
गिरीश कुमार सिंह, डीआईओएस