वाराणसी (ब्यूरो)। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस व प्रशासन की ओर से तमाम कार्रवाई की जाती है। इनमें निरोधात्मक कार्रवाई के साथ ही एक बड़ा काम लाइसेंसी शस्त्रों को जमा कराने का होता है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूं तो वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को कई चुनौतियों से जूझना होगा। हालांकि, सबसे बड़ा काम 30 दिन में लगभग 11 हजार लाइसेंसी असलहों को जमा कराने का है। आचार संहिता लगने के बाद नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इनको जमा कराना होगा.
असलहा जमा कराने का काम शुरू
चुनाव आचार संहिता लगने के बाद शस्त्र लाइसेंस जमा कराने का काम भी शुरू हो गया है। जनपद में 10761 लाइसेंसी शस्त्रधारक हैं। इनमें से 8 प्रतिशत आवश्यक सेवाओं जैसे सुरक्षा गार्ड, जान को गंभीर खतरा आदि में प्रयुक्त मान लिए जाएं तो 10 हजार लाइसेंसी शस्त्र जमा कराने होंगे.
नहीं जारी होंगे नए लाइसेंस
आचार संहिता लगने के बाद जहां असलहा जमा कराने की होड़ लगनी शुरू हो गई है, वहीं नए शस्त्र लाइसेंस नहीं बनाए जाएंगे। हालांकि इससे संबंधित कागजात कार्यालय में जमा हो सकेंगे, लेकिन इस पर अगली कार्यवाही चुनाव बाद ही होगा.
विस चुनाव की यह थी स्थिति
विधानसभा चुनाव में वाराणसी में करीब 20 प्रतिशत लोगों ने लाइसेंसी असलहा जमा नहीं कराया था। उस दौरान यह बात सामने आई थी कि कुछ लोगों का वरासत ट्रांसफर नहीं हुआ था, जिस कारण असलहा जमा नहीं हो पाया था। इसके अलावा कुछ लोग जिनका बाहर आना-जाना होता है, उन्होंने अपने गन हाउस में ही असलहा जमा करा दिया था.
वाराणसी में सातवें चरण में लोकसभा चुनाव होना है। इसको देखते हुए लोगों से लाइसेंसी शस्त्रों को जमा कराने को कहा गया है। आचार संहिता लगने के बाद चुनाव संंबंधी सभी तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएंगी.
एस। राजलिंगम, डीएम