वाराणसी (ब्यूरो)। स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार उल्लेखनीय कार्य कर समाज के लिए रोल मॉडल बन चुके बनारस की 11 हस्तियों को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गुरुवार को सम्मानित किया। कैंटोनमेंट स्थित होटल प्रिस्टीन में आयोजित हेल्थ आइकॉन अवार्ड-2023 समारोह में करतल ध्वनि के बीच अवार्ड दिए गए। समारोह में चीफ गेस्ट मेयर अशोक तिवारी और कमिश्नर कौशलराज शर्मा ने कहा कि बनारस को मेडिकल हब बनाने में इन डाक्टर्स की भूमिका काफी सराहनीय है। युवा, एनरजेटिक और काबिल डॉक्टर्स बनारस में ही अपनी सेवा दे रहे हैं। इन विशेषज्ञ डाक्टर्स की काबिलियत की वजह से अब बनारस में गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज हो रहा है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज भी बनारस में संभव हो गया है। आने वाले समय में स्वास्थ्य, समृद्ध और सशक्त भारत की नींव में भी डाक्टर्स की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कालेज खोलने का लक्ष्य रखा है, जिससे आम लोगों को इलाज में काफी सहूलियतें मिलेंगी.
दीप प्रज्ज्वलन से शुभारंभ
समारोह का शुभारंभ चीफ गेस्ट मेयर अशोक तिवारी व कमिश्नर कौशलराज शर्मा, दैनिक जागरण के निदेशक वीरेंद्र कुमार व महाप्रबंधक डॉ। अंकुर चड्ढा, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के एडिटोरियल हेड मनोज वाष्र्णेय व मार्केटिंग मैनेजर रमेश श्रीवास्तव, एडवांस मेडिकल इंजीनियरिंग के डायरेक्टर अजय दुबे, रतनदीप गोल्ड एंड डायमंड के डायरेक्टर आरपी सिंह और केयर हॉस्पिटल के डॉ। मृगेंद्र राय ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया.
टॉक शो में मेयर व कमिश्नर
हेल्थ आइकॉन अवार्ड-2023 समारोह के दौरान मेडिकल क्षेत्र में संभावना को लेकर टॉक शो आयोजित किया गया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के एडिटोरियल हेड मनोज वाष्र्णेय ने गेस्ट और मेडिकल एक्सपर्ट से तमाम सवाल किए.
सवाल : मेडिकल की लिहाज से बनारस कितना रीच हुआ है। आने वाले समय में क्या बदलाव दिख रहा है। क्या जरूरत है?
जवाब : केयर हॉस्पिटल के डॉ। मृगेंद्र राय ने कहा कि बनारस पहले भी मेडिकल का हब रहा है। नये-नये हॉस्पिटल खुले हैं। जहां आधुनिक एक्यूपमेंट आ रहे हैं। लोगों का इकोनॉमिक स्तर भी बढ़ रहा है। जो सुविधाएं पहले दिल्ली, मुंबई में होती थी, वे अब बनारस में उपलब्ध हैं। फॉरेन व बड़े मेट्रोपोलियन शहरों से संपर्क में भी बनारस है। यही वजह है कि बनारस में लगातार परिवर्तन हो रहा है। यही वजह है कि गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज बनारस में आसानी हो रहा है। इलाज के लिए लोग दिल्ली या बड़े शहरों का रुख नहीं कर रहे हैं। मात्र एक या दो फीसद लोग ही इलाज के लिए बाहर जा रहे हैं.
सवाल : बनारस का टूरिज्म पीक पर है। हेल्थ टूरिज्म के रूप में बनारस में क्या संभावना है?
जवाब : कमिश्नर कौशलराज शर्मा ने कहा कि पिछले पांच से छह साल में बनारस में मेडिकल का बहुत बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा है। तमाम बड़े इंस्टीट्यूट और फॉरेन से मेडिकल की पढ़ाई करने के यंगर्स बनारस में ही हॉस्पिटल खोल रहे हैं। आधुनिक मेडिकल सर्विस प्रोवाइड कर रहे हैं। होमी भामा कैंसर सेंटर व बीएचयू हॉस्पिटल है, जहां विभिन्न प्रदेशों से लोग आकर इलाज कर रहे हैं। यही हेल्थ टूरिज्म है। मेडिकल सर्विस प्रोफेशल स्वरूप में दिख रहा है। आने वाले समय में और भी अच्छी सर्विस मिलने की संभावना है। सरकारी हॉस्पिटल में महंगी से महंगी जांच और चिकित्सा मिलने लगा है।
सवाल : बारिश के सीजन में संचारी रोगों की आशंका ज्यादा रहती है। इसकी रोकथाम को लेकर नगर निगम की क्या तैयारी है.
जवाब : मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि शहर में 60 फीसद नालों की सफाई हो चुकी है। जलजमाव के करीब 65 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पंप लगा दिए गए हैं। जब भी बारिश के बाद जलभराव होगा, उसे तुरंत निकाल दिया जाएगा। पहले की अपेक्षा में सफाई में काफी सुधार आया है। सफाई को लेकर युवा पीढ़ी भी जागरूक हुई है। पुराने लोगों में बदलाव आ रहा है। जगह-जगह डस्टबिन भी उपलब्ध है। तमाम पुराने इलाकों में व्यापक स्तर से सफाई हो रही है। सभी पार्षदों को वार्ड में तैनात सफाई कर्मचारियों की सूची सौंप दी गई है। बनारस में परिवर्तन हो रहा है.
सवाल : मेडिकल फील्ड में लगातार बेहतर की कोशिश की जा रही है। कहीं कोई गुंजाइश की संभावना दिखती है?
जवाब : ओमेगा प्लस हॉस्पिटल के डायरेक्टर डा। कर्मराज सिंह ने कहा कि बनारस बहुत जिद्दी शहर है। युवा डाक्टरों की वजह से बनारस में एडवांस टेक्नोलॉजी आयी है, लेकिन उसी रफ्तार से कमर्शियल भी हो रहा है। ऐसी स्थिति में संवेदना और नैतिकता खत्म हो रही है। हालांकि फ्री में सेवा करने और सस्ता इलाज करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। गरीब, लाचार और असहाय लोगों को ध्यान में रखकर भी मेडिकल सेवा करने की जरूरत है। उनकी दुआ ही डाक्टरों की कमाई है.
सवाल: हेल्थ एक्यूपमेंट व सपोर्ट आइटम के क्षेत्र में संभावना ज्यादा है। आने वाले समय में इस क्षेत्र में क्या अवसर है?
जवाब: एडवांस मेडिकल इंजीनियरिंग के डायरेक्टर अजय दुबे ने कहा कि करीब बीस साल पहले बनारस में मेडिकल सुविधाएं मात्र 20 फीसद थी, जो बढ़कर शत प्रतिशत हो गई है। यह निरंतरता बनी रहनी चाहिए। मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बनारस किसी भी मेट्रो सिटी से कम नहीं है। बीएचयू और ईएसआईसी जैसे बड़े हॉस्पिटल है। तमाम निजी बड़े हॉस्पिटल भी हैं, जहां आधुनिक एक्यूपमेंट है। प्रशासन, जनप्रतिनिधि व समाजसेवियों के सहयोग से जापान, अमेरिका जैसे देशों में उपलब्ध सुविधाएं बनारस में उपलब्ध कराई जा रही है। अब हर तरह के आधुनिक एक्यूपमेंट हमारे माध्यम से बनारस में उपलब्ध है.