वाराणसी (ब्यूरो)काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद पुलिस डिपार्टमेंट शहर में भीड़ के आगे बेबस हैश्रद्धालुओं व पर्यटकों के बढ़ते दबाव और वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते शहर के मार्ग सुबह और शाम के समय अधिक व्यस्त रहते हैंट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार यहां रोजाना 1.84 लाख गाडिय़ों का लोड हैइसके अलावा रोजाना 4 से 5 हजार बाहरी गाडिय़ां आती हैैंइससे मंडुवाडीह चौराहे पर सर्वाधिक मारामारी रहती है, लेकिन, सड़कों की कैपिसिटी न होने के चलते आए दिन पब्लिक ट्रैफिक जाम की समस्या से परेशान रहती हैयही नहीं पिछले माह वाराणसी दौरे पर आई पीएमओ की टीम भी यहां की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठा चुकी है

जाम के 5 प्रमुख कारण

1. वाहनों का दबाव

बनारस में रोजाना 1,83,942 वाहन शहर की सड़कों पर दौड़ते हैैंइसमें सबसे ज्यादा एक लाख 14 हजार टू-व्हीलर हैैंवहीं, -रिक्शा व ऑटो जाम का प्रमुख कारण हैैं-रिक्शा 21 हजार हैैंजबकि 11,214 टैक्सी फर्राटा भर रही हैैंयह बीच सड़क पर सवारी बैठाते हैैं.

2. एक चौराहे पर 15 से 50 मिनट तक जाम

एक रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन शहर की ज्यादातर सड़कों और चौराहों पर 15 से 50 मिनट का जाम लोगों को झेलना पड़ रहा हैइस लिहाज से जाम से जकड़े चार चौराहे पार करने में लोगों को खूब समय लग रहा हैपहडिय़ा से कैंट पहुंचने में ही एक घंटे से अधिक समय लग जाता है.

3-मंडुवाडीह चौराहा सबसे व्यस्त

ककरमत्ता-लहरतारा वाया मंडुवाडीह मार्ग पर सुबह और शाम के समय अधिक जाम लगता हैमंडुवाडीह चौराहे से पहले तीन तरफ से फ्लाईओवर होने के चलते इस रूट पर शहर के अंदर और बाहरी गाडिय़ों का दबाव अधिक होता हैसुबह के समय बनारस स्टेशन पर ट्रेन से आने और जाने वाले लोगों का दबाव अलग होता है.

4. 3 संकरी रोड से पहुंचते बाबा दरबार

बनारसी हों या बाहरी, हर कोई बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने जाता हैलेकिन, वहां पहुंचने के लिए सिर्फ तीन रास्ते हैैंवह भी संकरेपहला मैदागिन, दूसरा नई सड़क और तीसरा रथयात्राइन्हीं रास्तों पर वाहनों का दबाव रहता हैसबसे बड़ा कारण रोड पर अतिक्रमण और रोड पर वाहन पार्क करना है.

5. 480 ट्रैफिककर्मी के सहारे पूरा सिस्टम

लंका-सामनेघाट, पांडेयपुर-पहडिय़ा मार्ग, मंडुवाडीह-लहरतारा मार्ग और बेनिया-नई सड़क-गिरजाघर मार्ग पर रोजाना जाम लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया हैविडंबना यह है कि सिर्फ 480 ट्रैफिक कर्मचारियों के सहारे बनारस का पूरा सिस्टम चल रहा है

फैक्ट फीगर

व्हीकल-नंबर

फोर-व्हीलर-35,000

टैक्सी-11,214

-रिक्शा-21,000

स्कूल बस-2728

टू-व्हीलर-1.14 लाख

टोटल-1,83,942

सिटी में सड़कों की स्थिति

-शहर में लोक निर्माण विभाग की 44 सड़कों की लंबाई 150 किलोमीटर

- नगर निगम की 300 सड़कों की लंबाई 1170 किलोमीटर

रोजाना सिटी में गाडिय़ों का लोड लगातार बढ़ रहा हैकाशी विश्वनाथ जाने वालों की भीड़ अधिक हैतीन संकरी रोड के चलते ट्रैफिक का दबाव अधिक रहता हैटू-व्हीलर, फोर-व्हीलर के अलावा ऑटो व ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या भी परेशानी का कारण बनी हुई है.

राजेश पांडेय, एडीसीपी, ट्रैफिक

सिंह मेडिकल से बीएचयू तक बनाया जाए फ्लाईओवर

रिटायर्ड एडिसीपी संतोष सिंह ने बताया, बनारस में जाम का व्यावहारिक समाधान यह है कि दिल्ली की तरह शहरी क्षेत्र में फ्लाईओवर बनाया जाएसिंह मेडिकल से बीएचयू तक लंबा फ्लाईओवर बनने के बाद यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगीपुराना शहर है, इसलिए खंडहर भी नहीं कर सकतेसिर्फ सड़क चौड़ीकरण इसका समाधान नहीं हैऑटो व ई-रिक्शा भी आजकल जाम का कारण बन गए हैैं, लेकिन पब्लिक की सहूलियत भी देखनी हैऐसे में ई-रिक्शा जोन घोषित किया जाए और जहां इन्हें न चलाया जाएवहां ईवी बस चलाई जाएंमंडुआडीह चौराहे पर भी टेक्निकल चेक करना होगा कि वहां यहां से जाने वाले ट्रैफिक को ऊपर से निकाला जा सकेभिखारीपुर तिराहे से नरिया तक फ्लाईओवर बनाया जाए, ताकि जाम न लगेडेडबॉडी भी मैदागिन के बजाय राजघाट से नाव के माध्यम से जाएंदिनभर में करीब 150 गाडिय़ां आती हैैं, जिससे लोड रहता हैइसे सख्ती से पालन करना होगाशहर के अंदर बनने वाली सभी मल्टीस्टोरी को भी वीडीए अनुमति न देअगर 500 फ्लैट बनते हैैं तो 500 गाडिय़ां जरूर होंगीसाथ ही मैरिज लॉन को भी शहर के बाहर किया जाए.