मेरठ (ब्यूरो)। विशेषज्ञ व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में जंतु विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ दिनेश चंद शर्मा रहे। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ अंजू सिंह एवं मुख्य वक्ता प्रो डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि ओरिएंटेड कोर्स में तीन प्रकार के कोर्स होते हैं। इसमें पहला लैंग्वेज ओरिएंटेड स्किल दूसरा लाइफ ओरिएंटेड स्किल एवं तीसरा वोकेशनल ओरिएंटेड स्किल कोर्स है। यह विभिन्न भाषा संबंधी कौशल, व्यक्तित्व विकास संबंधित एवं जीविकोपार्जन से संबंधित है। इसके अंतर्गत विभिन्न कौशलों से संबंधित पाठ्यक्रम को समाहित किया जा सकता है जैसे ड्राइविंग, मूर्तिकला कौशल, विभिन्न पैथोलॉजी कोर्सेज, सांस्कृतिक लोक विद्या, पोषण संबंधी, स्विमिंग और फोटोग्राफी कारपेट संबंधी एवं विभिन्न क्षेत्रीय कौशलों से संबंधित कोर्स को सम्मिलित किया जा सकता है।
ऑनलाइन भी कर सकते हैं कोर्स
यह कोर्स ऑनलाइन भी संचालित होते हैं जो विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों पर भी उपलब्ध है। इसको कंप्लीट करने के बाद स्कोर क्रेडिट होते हैं एक क्रेडिट कोर्स के लिए 4 सप्ताह का अर्थात 15 घंटे का कोर्स होता है।
महत्वपूर्ण टिप्स दिए
सहायक नोडल और कॉलेज आइक्यूएसी समन्वयक प्रो। लता कुमार ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद को जीवन का रोल मॉडल बनाना चाहिए। सफलता के लिए मन को एकाग्र करने की जरूरत है। प्रो। अनीता गोस्वामी ने विवेकानंद के जीवन से जुड़ी जानकारियों को बताया।
स्किल कोर्स करें छात्राएं
प्रिंसिपल प्रो अंजू सिंह ने छात्राओं का उत्साहवर्धन कर विवेकानंद को अपने जीवन का आदर्श बनाने के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने कहा कि छात्राएं स्किल कोर्स करके अपने जीवन को संवार सकती है। और कुछ पैसे अर्जित कर अच्छी पढ़ाई भी कर सकती हैं। उक्त अवसर पर लगभग डेढ़ सौ छात्राओं ने प्रतिभाग किया तथा फीडबैक भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में समिति की संयोजक प्रो। मोनिका चौधरी ने मुख्य वक्ता का धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम में समिति के समस्त सदस्य डॉ। एसपीएस राणा, डॉ।मनीषा भूषण, डॉ। आरसी सिंह, डॉ। भावना सिंह, डॉ।ज्योति चौधरी एवं डॉ। आवेश कुमार मौजूद रहे।