मेरठ, ब्यूरो। कार्यक्रम के संयोजक प्रख्यात कवि हरिओम पंवार रहे। इसके साथ उन्होंने कवि सम्मेलन का संचालन भी किया। कवि हरिओम पंवार ने कविता के माध्यम से तालिबान के आतंक पर तंज कसा। उन्होंने सुनाया कि तुमको अपने ही पापों के अंक मिले हैं अमरीकाअपने ही पाले सांपों के डंक मिले हैं अमरीका।
कविताओं ने मन मोहा
वहीं, फरीदाबाद से आए दिनेश रघुवंशी ने कहा कि बड़े लोगों की औलादें तो कैंडल मार्च करती हैं। जो अपने प्राण देते हैं वो बेटे हैं किसानों के। हास्य कवि डॉ। प्रवीण शुक्ल ने कहा जिंदगी की उलझनों से जूझकर जाना ये मैनें।
जिंदाबाद हिंदुस्तान रहे जाए
उनके बाद कोमल रस्तोगी ने कहा हिम किरीट सा रहा अडिग, वो फौलादी किरदार। कोटि कोटि वंदन अभिनंदन, लौहपुरुष सरदार। कवि सुमनेश सुमन ने कहा तिरंगे का निशां थोड़ा मुझे भी तो मयस्सर हो, मेरे होठों पर जिंदाबाद हिंदुस्तान रह जाए। इस अवसर पर श्याम मोहन गुप्ता, दिनेश जैन, अजय गुप्ता आदि मौजूद रहे।