योजना
कबाड़ इकट्ठा कर उसे बनाया जाएगा दर्शनीय
मेरठ में होगा चंडीगढ़ जैसा रॉक गार्डन
- कैंट बोर्ड परिसर में रॉक गार्डन बनाने की पहल शुरू
- योजना को लेकर कई मूर्तिकारों के आ चुके हैं प्रस्ताव
आई एक्सक्लूसिव
Meerut। कैंट बोर्ड कार्यालय को स्मार्ट बनाने के लिए जल्द ही यहां रॉक गार्डन को विकसित किया जाएगा। रॉक गार्डन के लिए मूर्तियों के चयन का कार्य शुरू हो चुका है। सब ठीक रहा तो यह कार्य अक्टूबर माह के आखिर में पूरा हो सकता है।
क्या है रॉक गार्डन
चंडीगढ़ के सेक्टर एक में मौजूद रॉक गार्डन केवल एक व्यक्ति के प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है। जो दुनिया भर में अनूठे प्रयास के लिए सराहा गया है। रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद दिन भर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी-फूटी चूडिय़ां, प्लेट्स, चीनी मिट्टी के कप, फ्लाश की सीट, बोतल के ढक्कन व किसी भी बेकार फेंकी गई वस्तुओं को चुगते रहते थे। वह उन्हें सेक्टर एक में जमा करते रहे। धीरे-धीरे फुर्सत के क्षणों में लोगों द्वारा फेंकी गई फालतू चीजों से ही उन्होंने ऐसी उत्कृष्ट आकृतियों का निर्माण किया कि देखने वाले दंग रह गए।
एकत्र करेंगे कबाड़
कैंट बोर्ड भी अपने कार्यालय व कूड़े में निकलने वाले ऐसे कबाड़ का एकत्र करेगा। जिससे उस बेकार सामान से रॉक गार्डन जैसी आकृति बनाई जा सकें।
कार्यालय का बदलेगा नक्शा
रॉक गार्डन की झलक अब कैंट बोर्ड कार्यालय में देखने को मिलेगी। कैंट बोर्ड कार्यालय का केवल अंदरूनी बदलाव ही नहीं कर रहा है, बल्कि वह बाहर पड़े खाली स्थानों को भी खूबसूरती प्रदान करने की योजना बना रहा है। फिलहाल कैंट बोर्ड कार्यालय के सामने के पड़े स्पेस में बीचों-बीच एक फव्वारा और छोटा गार्डन है। लेकिन दोनों तरफ का स्थान खाली है। उस जगह पर रॉक गार्डेन की तर्ज पर मूर्तियां लगाने के लिए योजना शुरू हो चुकी है।
आ चुके हैं प्रस्ताव
इस जगह लगाई गई मूर्तियां आने वाले मेहमानों को मूक रहकर सहर्ष स्वागत करेंगी। यह काम अक्टूबर माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
कैंट बोर्ड प्रबंधन के पास कई मूर्तिकारों के प्रस्ताव और मूर्तियों के सैंपल चित्र आ मिल चुके हैं। कैंट बोर्ड कार्यालय के खाली पड़े स्थान में चंडीगढ़ की तर्ज पर रॉक गार्डन विकसित किया जाएगा। इस माह के अंत में इसको अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
राजीव श्रीवास्तव सीईओ कैंट बोर्ड