मेरठ (ब्यूरो)। डीपफेक के जरिए मार्च 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा का एक फेक वीडियो बनाया गया था और उनका चेहरा एक पोर्न स्टार के चेहरे पर लगाया गया था। इतना ही नहीं, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग खुद भी इस टेक्नोलॉजी का शिकार हो चुके हैं।।।ये आप सब जानते हैैं लेकिन आपको लग रहा होगा कि मैैं यह आपको क्यों याद दिला रहा हूं। चलिए बता दूं कि मेरठ में डीपफेक का इस्तेमाल कर महिलाओं की अश्लील फोटोज को वायरल कर देने के नाम पर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। अब तक 57 ऐसे मामलों की शिकायत साइबर सेल में दर्ज कराई जा चुकी है। हालांकि बहुत से मामले ऐसे भी हैैं, जिनमें बदनामी के डर से महिलाओं ने अपने सारे सोशल मीडिया अकाउंट्स को ही बंद कर दिया है।

डीपफेक टेक्नोलॉजी क्या है?
डीपफेक एक तरह की बनावटी फोटो या वीडियो होता है जो किसी की पर्सनल शारीरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ज्यादातर नकली किस्म के वीडियो बनाने में किया जाता है, जिसमें लोगों को कुछ ऐसा बोलते हुए या करते हुए दिखाया जाता है, जिसे उन्होंने कभी कहा या किया ही नहीं है। पिछले कुछ सालों में डीपफेक के कई मामले सामने आए हैं। इस टेक्नोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर लोगों की फेक तस्वीरें और वीडियो तैयार किए जाते हैं जो बिलकुल ऑरिजनल मालूम पड़ते हैं।

डीपफेक से खुद को कैसे बचाएं
साइबर क्रिमिनल्स चाहें तो डीपफेक के जरिए एडिट की गई फोटो का इस्तेमाल यूजर को ब्लैकमेल करने या धोखाधड़ी जैसे मामलों में कर सकते हैं।

अगर आप इस खतरनाक अटैक से बचना चाहते हैं तो कपल चैलेंज या इस तरह के दूसरे कैंपेन जिनमें आपकी पर्सनल फोटो मांगी जा रही हो, उनका हिस्सा बनने से बचें।

कई लोग बड़ी शान से बताते हैं कि मेरी फ्रेंड लिस्ट में 4000 लोग हैं। आप जिन लोगों को नहीं जानते हैं उन्हें ऐड करने की कोई जरूरत नहीं है। यही लोग डेटा चुराते हैं। अनजान लोगों में कोई भी आपकी फोटो का मिसयूज कर सकता है।

फेसबुक पर ढेरों थर्ड पार्टी एप पड़े हैं, जो ये बताते हैं कि आप किस हीरो-हीरोइन की तरह दिखते हैं, आप कब और कैसे मरेंगे, आपके कितने बच्चे होंगे, कितना पैसा कमाएंगे। ये एप कितना सच बताते हैं ये तो ही छोड़ दीजिए। बदले में फेसबुक में मौजूद आपका सारा डेटा जैसे कि पिक्चर, डेट ऑफ़ बर्थ, मैसेज सब कुछ चोरी कर लेते हैं। ऐसे बकवास एप को डेटा एक्सेस की परमिशन देने से बचें।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना प्रोफाइल पब्लिक न करें।

ये भी जरूरी
मैसेज डिलीट ना करें
यदि आपके साथ इस तरह की कोई भी घटना होती है तो मैसेज को डिलीट करने की गलती ना करें। यही मैसेज सबूत के तौर पर बड़े काम आएंगे। इस तरह कै मैसेज को डिलीट करने का मतलब है कि आप सबूत को खुद ही डिलीट कर रहे हैं।

स्क्रीनशॉट जरूर रखें
यदि कोई आपकी तस्वीरों को गलत इस्तेमाल करते हुए आपको ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है तो उसकी ओर से आए सभी मैसेज का स्क्रीनशॉट लेकर जरूर रखें, क्योंकि ये लोग कुछ समय बाद अकाउंट को डिलीट कर देते हैं। ऐसी स्थिति में आपके पास कोई सबूत नहीं रह जाएगा।

हेल्पलाइन की मदद लें
इस तरह की घटना होने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में सबूत के साथ स्नढ्ढक्र करें। इसके अलावा 1930 नंबर डायल करके भी आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।

पैसे देने की गलती ना करें
इस तरह की ब्लैकमेलिंग से डरकर पैसे देने की गलती कभी ना करें, क्योंकि एक बार पैसे देने से आपका पीछा नहीं छूटने वाला है। ये ब्लैकमेलर आपसे बार-बार पैसे मांगेंगे।

अपने दोस्तों और फैमिली को बताएं
यदि आपके साथ इस तरह की कोई घटना होती है तो अपने दोस्तों को इसकी जानकारी दें और परिवार के लोगों के साथ भी इस घटना की जानकारी शेयर करें।

डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया के जरिए महिलाओं को ब्लैकमेल करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैैं। सभी दर्ज मामलों की जांच चल रही है। मेरी आप लोगों से अपील है कि फॉलोवर्स बढ़ाने के लालच में अनजान लोगों को फ्रेंडलिस्ट में शामिल न करें।
राघवेंद्र कुमार, साइबर सेल प्रभारी