मेरठ (ब्यूरो)। कैंट में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए कई दावे होते हैं। पर हकीकत बिल्कुल जुदा होती है। हालत यह है कि हीला हवाली के कारण कैंट क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने का कार्य भी मुकम्मल नहीं हो पाया है। दावों के मुताबिक पहले चरण की सीवरेज परियोजना पूरी हो चुकी है। मगर अभी तक क्षेत्र मेंएक भी दुकान या घर को सीवर लाइन से कनेक्ट नहीं किया गया है। इससे व्यापारियों में नाराजगी है। इस बाबत व्यापारियों का कहना है कि मानसून आने को है। ऐसे में बारिश होने पर कैंट क्षेत्र में फिर से जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा।
लोगों में नाराजगी
इन दिनों सीवर लाइन कनेक्शन में लेटलतीफी को लेकर कैंटवासियों में नाराजगी है। जुलाई में मानसून के आने से कैंट में जलभराव हो जाता है। कैंट बोर्ड की ओर से इस बार भी जलभराव से निजात दिलाने के लिए दावे किए जा रहे हैं। मगर लगता है कि इस साल भी कैंट के निवासियों को जलभराव की समस्या जूझना ही पड़ेगा। कैंटवासियों के मुताबिक घरों और दुकानों को सीवर लाइन से कनेक्ट करने का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
इस कारण नहीं मिले कनेक्शन
गौरतलब है कि बीती 4 अप्रैल को पहली बार कैंट बोर्ड सीवर लाइन कनेक्शन के लिए कैंप लगाया गया था। इसमें आवेदन करने के लिए कई लोग पहुंचे थे, लेकिन बदकिस्मती से एक को भी कनेक्शन नहीं मिल पाया। कारण यह था कि कनेक्शन के लिए अप्लाई करने वालों में से 40 प्रतिशत लोगों के नाम हाउस टैक्स नहीं था। इस ऑप्शन को आवेदन में भरना था। ऐसे में वो हाउसटैक्स अपने नाम न होने की वजह से आवेदन नहीं कर सके।
सीवर लाइन से कनेक्ट नहीं
कैंट के आठ वार्ड में सीवर लाइन बिछाने की परियोजना करीब 160 करोड़ रुपए में तैयार हुई थी। इसे वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य था। पहले चरण में सीवेज परियोजना का शुभारंभ दिसम्बर 2018 में किया गया था। इसमें वार्ड चार, पांंच और छह के कुछ हिस्सों में सीवर लाइन बिछाई गई थी। करीब नौ किलोमीटर लंबी सीवर इन वार्डो में डाली जा चुकी है। भैंसाली ग्राउंड में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनकर तैयार हो चुका है। मगर अभी तक दुकानों और घरों की सीवर लाइन से कनेक्ट नहीं किया गया है।
हाउस टैक्स नाम नहीं हो पाए
गौरतलब है कि कैंट क्षेत्र में 40 हजार ऐसे लोग है। जिनके घर के मुखिया की डेथ हो गई है। ऐसे में उनके बच्चों के नाम पर अभी तक मकान नहीं हो पाए हैं। हालांकि अभी 2015 के आसपास म्युटेशन प्रक्रिया के तहत मकान नाम करवाने के लिए करीब दो हजार लोगों ने आवेदन किए थे। लेकिन उस समय बोर्ड के सदस्यों की सदस्यता भंग हो चुकी थी। इसके बाद नगर निगम में कैंट का हिस्सा जाएगा। यह मामला सामने आया। फिर तमाम तरह की समस्याओं के चलते यह प्रक्रिया बीच मे रह गई।
सॉफ्टवेयर भी है समस्या
एक समस्या और भी है। कैंट में अगर आपके घर से सीवर लाइन खंभे तक या आसपास कहीं जानी है। तो उसको बिछाने के लिए कनेक्शन का रूट चेक करने के लिए साफ्टवेयर तैयार किया गया था। वो काम नहीं कर रहा है, सॉफ्टवेयर को ठीक कराया जाएगा। उसके बाद ही काम हो पाएगा।
प्रारंभिक ट्रायल पूरा हो गया है। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनधिकृत प्रमाण-पत्र लिया जा रहा है। जल्द ही सीवर लाइन के कनेक्शन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इसके अलावा सीवर लाइन कनेक्शन में जो समस्याएं आ रही है उनको ठीक कराया जाएगा, इसके लिए मीटिंग की जाएगी।
ज्योति कुमार, सीईओ, कैंट मेरठ