मेरठ (ब्यूरो)। नए कैलेंडर के अनुसार प्रतियोगिताएं जुलाई से नवंबर तक कराई जाएंगी। स्कूल से न्याय पंचायत स्तर तक की खेलकूद प्रतियोगिताएं एक अगस्त तक पूरी होंगी, जबकि विकासखंड स्तर पर सितंबर के पहले सप्ताह तक, जिला स्तर पर अक्टूबर के पहले सप्ताह तक व मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएं नवंबर के पहले सप्ताह तक होंगी। इसी माह के अंत तक 30 नवंबर तक राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं पूरी कर ली जाएंगी। खेलकूद के साथ व्यायाम भी करेंगे बच्चे सोमवार से गुरुवार तक खेलकूद के साथ बच्चों को व्यायाम भी कराया जाएगा। अंतिम दो दिनों में स्काउट कराया जाएगा। इसका ब्योरा रजिस्टर में रखा जाएगा। प्रधानाध्यापकों को सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल का हर बच्चा किसी न किसी खेल से अवश्य जुड़े।

इन खेलों में प्रतिभाग करेंगे बच्चे
विभिन्न प्रतियोगिताओं के दौरान जिन प्रमुख खेलों में बच्चे प्रतिभाग करेंगे उनमें एथलेटिक्स, कुश्ती, वालीबाल, खो-खो, टेबिल टेनिस, जिमनास्टिक, व्यायाम एवं विशेष प्रदर्शन, योगा, जूडो, बास्केटबाल, तैराकी, फुटबाल, क्रिकेट, कबड्डी, हाकी, हैंडबाल तथा बैडमिंटन शामिल हैं।

खेलकूद सामग्री के लिए धन अवमुक्त
शासन स्तर से खेल सामग्री खरीदने के लिए प्रति प्राथमिक विद्यालय पांच हजार व उच्च प्राथमिक विद्यालय को दस हजार रुपए की धनराशि प्रेषित कर दी गई है। बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा बीएसए को निर्देशित किया है कि यह न हो कि स्कूल स्तर पर जीती हुई टीम ही राज्य स्तर तक जीतकर पहुंचे। हर स्तर पर ट्रायल का आयोजन कर अच्छे खिलाडिय़ों की टीम बनाई जाएग। अलग-अलग ब्लाकों व जिलों के बच्चों की टीम ही आगे जाएगी।

स्कूलों में जुलाई से खेलकूद की नियमित गतिविधियां शुरू हो रहीं हैं। इसको लेकर बेसिक शिक्षा निदेशक ने नई समय सारिणी जारी कर दी है। जिला व्यायाम शिक्षक व स्कूलों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है।
योगेंद्र कुमार, बीएसए

सरकार द्वारा खेल प्रोत्साहन के लिए राशि भी भेजी गई है, बच्चों को खेलो के प्रति जागरुक करने के लिए शासन स्तर से काफी काम किए जा रहे हैं जो सराहनीय है।
डॉ। सुधीर कुमार, शिक्षक

अगर बेसिक स्कूलों में लगातार गतिविधियां होती रहे तो बच्चा शारीरिक व मानसिक रुप से मजबूत होगा। इसके साथ ही खिलाड़ी अधिक संख्या में सामने आएंगे।
देवेंद्र, शिक्षक

हमें स्कूल में कुछ न कुछ सिखाया जाएगा तो हमें भी खेलने में रूचि होगी। पढऩे के साथ खेलने में मजा भी जाएगा।
पृथ्वी, स्टूडेंट

स्कूल में अगर खेलने को मिलेगा तो अच्छा लगेगा, मन भी लगेगा और स्कूल आने का मन करेगा।
प्रतिक्षा, स्टूडेंट