मेरठ,(ब्यूरो)। ज्वैलर्स की मानें तो बढ़ी हुई जीएसटी का सीधा असर गोल्ड कंज्यूमर्स की जेब पर पड़ेगा। अगर गोल्ड में तीन के बजाय पांच प्रतिशत जीएसटी होता है तो मेकिंग चार्ज बढ़ जाएगा। जिससे ज्वैलरी कारोबारियों का प्रॉफिट कम हो जाएगा। दरअसल, गोल्ड का रेट बाहर से डिसाइड होता है। वहीं पुरानी गोल्ड ज्वैलरी बेचने में ग्राहक को नुकसान होगा क्योंकि जब कंज्यूमर अपना खरीदा हुआ गोल्ड बेचने जाता है तो सोना कारोबारी मेकिंग चार्ज घटाकर लेते हंै। इस वजह से कंज्यूमर्स का ज्यादा नुकसान है।
जनवरी से लागू होगा
पांच प्रतिशत जीएसटी एक जनवरी से लागू होने की संभावना है। हालांकि ज्वैलर्स की मानें तो अभी इसकी सिर्फ चर्चा चल रही हैैं, इस पर फाइनल निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में पांच प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आने के बाद यदि ग्राहक 10 हजार रुपये की ज्वैलरी खरीदते हैं तो 200 रुपये अतिरिक्त देना होगा। यदि ग्राहक 50 हजार रुपये की ज्वैलरी खरीदेंगे तो टैक्स एक हजार रुपये और यदि एक लाख की ज्वैलरी खरीदते हैं तो पांच हजार रुपये तक अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।
अभी यह मुद्दा सिर्फ चर्चा का विषय है। मगर संभावना है कि जीएसटी का दायरा बढ़ाया जाएगा। ऐसे में हम ज्वैलर्स इस मुद्दे पर बैठक कर इसका विरोध करेंगे। क्योंकि इससे सीधा-सीधा असर ग्राहक की जेब पर पड़ेगा। लंबे समय बाद अब बाजार सामान्य हुआ है और ऐसे में जीएसटी बढऩे से ग्राहकों को एक्सट्रॉ टैक्स देना होगा।
विजय आनंद, महामंत्री, बुलियन एसोसिएशन
अभी इस सूचना पर कोई फाइनल निर्णय या आदेश जारी नहीं आया है। मगर ऐसा होता है तो इसका सबसे ज्यादा इसका इफेक्ट कंज्यूमर्स पर पडेगा। क्योंकि टैक्स डायरेक्ट कंज्यूमर को देना होगा। जो ग्राहक बिल नहीं लेगा उसको भले ही इससे राहत मिल जाए लेकिन फिर वह नंबर एक में काउंट नहीं होगा।
मनोज गर्ग, कोषाध्यक्ष बुलियन एसोसिएशन