मेरठ (ब्यूरो)। दो हजार वर्ग किमी दायरे में फैली हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ सेंच्यूरी में रहने वाले हजारों जीव-जन्तुओं के जीवन पर बीमारियों के कारण संकट नहीं होगा। इस सेंच्यूरी में रहने वाले जीवों की सुरक्षा के लिए हस्तिनापुर में वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। हालांकि इससे पहले हस्तिनापुर में तेंदुआ रेस्क्यू सेंटर बनाने की मुहिम थी, लेकिन तेंदुए के साथ-साथ अब भालू, हिरण के साथ ही सभी वन्य जीवों का इलाज इस सेंटर पर किया जाएगा। इसके लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी से डीपीआर स्वीकृत हो चुकी है। इस साल में रेस्क्यू सेंटर बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

10 हैक्टेयर में बनेगा सेंटर
इस सेंटर को करीब 10 हैक्टेयर में बनाया जाएगा। हस्तिनापुर में बनने वाले सेंटर से मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के जिलों को भी जोड़ा जाएगा। इसमें वन्य जीवों को प्राइमरी इलाज देने के बाद वापस जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।

अभी तक बाहर भेजे जाते थे
हस्तिनापुर में बनने वाले इस वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर में तेंदुआ के साथ ही टाइगर समेत सभी प्रकार के वन्य जीवों को रेस्क्यू करके लाया जाएगा और उनको इलाज दिया जाएगा। अभी तक जानवरों को इलाज के लिए कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर और इटावा लाइन सफारी में भेजा जाता था।

जल निगम को बनाया कार्यदायी संस्था
इसके लिए मुख्यालय द्वारा कार्यदायी संस्था जल निगम को बनाया गया है। जल निगम इस 10 हैक्टेयर की जगह में 3 सेक्शन में रेस्क्यू सेंटर का निर्माण करेगी। इन तीन सेक्शन में रेजीडेंशियल क्वार्टर, हॉस्पिटल के साथ क्वारंटाइन सेंटर और एनीमल के रखरखाव की जगह तैयार की जाएगी। इस सेंटर पर मेरठ समेत मुरादाबाद, गाजियाबाद, हापुड, बुलंदशहर, नोएडा, बागपत, मुजफ्फरनगर आदि जिलों के जीवों को लाया जाएगा।

ये होंगी सुविधाएं
इस सेंटर पर प्रशिक्षित स्टॉफ, ट्रैंकुलाइजिंग गन, बड़ा पिंजरा और पशु डॉक्टरों की भी नियुक्ति होगी।

वर्जन
सेंटर के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुमति मिल चुकी है। जल निगम को इसका निर्माण करने के लिए शासन स्तर पर नियुक्त किया गया है। इस साल सेंटर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
- राजेश कुमार, डीएफओ