मेरठ ब्यूरो। क्या ठंडा परोसने पर भी तलाक हो सकती है। क्या सब्जी में कम मिर्च डालने पर भी तलाक हो सकती है। क्या स्वादिष्ट मैगी न बनाने पर पति और पत्नी की राहें जुदा हो सकती हैं। आपको शायद ये बातें छोटी लग रहीं होंगी। लेकिन फैमिली कोर्ट में इन दिनों ऐसे में ही मामले आ रहे हैं। छोटी -छोटी बातों को परिवार टूट रहे हैं। हालत देखिए बीते छह माह में ऐसे 98 मामले सामने आ चुके हैं।
फैमिली कोर्ट में आ रहे केस
इन दिनों मेरठ फैमिली कोर्ट में ऐसे अजीबोगरीब मामले में आ रहे हैं। मीडिएशन के बाद निकलकर आ रहा है कि तलाक लेने का यह कोई कारण ही नही है। तलाक देने के ऐसे कई केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में दूसरे पक्ष की तरफ से विभिन्न धाराओं के साथ मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे मामलों में सहनशीलता की कमी है। इससे रिश्तों में दरार आ रही है।
10 हजार मामले है विचारधीन
मेरठ में महिलाओं के तलाक, घरेलू हिंसा से संबंधित बीते पांच साल 10 हजार 500 मामले विचाराधीन है। इनमें 4 हजार तलाक के है, 2600 घरेलू हिंसा के है। बाकी अन्य महिलाओं से संबंधित केस है जैसे दहेज उत्पीडऩ , साइबर क्राइम आदि है। एक महीने में करीब 50 मामलों का निपटारा हो रहा है। भरण पोषण के करीब एक हजार केस है जो कई साल से लंबित है। वहीं ऐसे केस भी आ रहे हैं, 25 से 30 उम्र वाले दंपतियों में एक दूसरे के प्रति मोबाइल फोन के कारण विश्वास से ज्यादा अविश्वास पैदा हो रहा है। अगर पत्नी नौकरी में है तो पति को अविश्वास है। अगर पति नौकरी में है तो पत्नी को उस पर शंका है। बहुत ही छोटी-छोटी बातों पर शादी के रिश्ते में दरार आ रही है।
केस-वन : पत्नी ठंडा खाना देती है
छह माह पहले स्वादिष्ट खाना न बनाने पति ने पत्नी को तलाक दे दिया। उसने कहाकि पत्नी अच्छा खाना नहीं बनाती है। कचहरी में हुए मीडिएशन में पति ने बताया कि पत्नी सब्जी ठंडी देती है। ध्यान नहीं रखती है। अपने काम को ज्यादा प्राथमिकता देती है।
केस 2: मैगी पसंद नहीं आई
अभी दो माह पहले पति को खाने में मैगी पसंद नहीं आई तो उसने पत्नी को तलाक का नोटिस भेज दिया। पत्नी के अनुसार पति नखरे करते हैं। छोटी-छोटी बात पर लड़ाई करते हैं। पत्नी प्राइवेट सेक्टर में जॉब करती है।
ये हैं तलाक के कारण
- पति और पत्नी में सहनशक्ति की कमी से टूट रहे रिश्ते
- मोबाइल के अधिक प्रयोग के कारण भी शक बढऩा
- परिवार की ज्यादा दखलंदाजी से विवाद की स्थिति बन जाती है
- एक्स्ट्रा अफेयर के कारण भी विवाद बढ़ता है
- अट्रेक्शन के चलते जल्दबाजी में शादी कर लेना, फिर विचार न मिलने से तलाक लेते हैं।
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क्या कहते है एक्सपर्ट
लडक़ा हो या लडक़ी दोनों के ही पेरेंट््स को समझना होगा उनको अपने बच्चों को समझाना तो उचित है, किंतु अगर वो ज्यादा एंटरफेयर करेंगे तो यकीनन ऐसी स्थितियां बनेंगी। दूसरा सोशल मीडिया और सहनशीलता की कमी भी ऐसे केस के कारण बन रहे हैं।
सुमन गुप्ता, सीनियर एडवोकेट
सहनशीलता की कमी व आपसी अहम के चलते ऐसे केस सामने आ रहे है। समाज के लिए यह गलत है। दोनों को एक दूसरे को समझना होगा। दूसरा मैरिज की एज भी दोनों के लिए 21 कर देनी चाहिए। क्योंकि कम समय मिलने की वजह से लडक़ा-लडक़ी एक दूसरे को समझ नहीं पा रहे हैं।
पंकज जैन, डीएलएसए पैनल एडवोकेट
मैनें ऐसे केस में काउंसिलिंग की है जिनमें समझ तक नहीं आता है, झगड़े का कारण है क्या। बिना बात के केवल अहम के चलते लड़ाई हो जाती है जो बड़े विवाद में बदल रहा है।
डॉ। नीरा तोमर, पूर्व काउंसलर, परिवार परामर्श केंद्र
पहले सहनशीलता होती थी, अभिभावक भी अपने बच्चों को समझाते थे रिश्ते बनाने की बात करते थे, लेकिन आज अभिभावक समझाने की जगह एंटरफेयर करते हैं, जबकि समझाना ज्यादा उचित है। जिससे आपसी रिश्तों में खटास आ रही है।
कुंवर असलम, सीनियर एडवोकेट