मेरठ (ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए निरीक्षण टीम कभी भी शहर में आ सकती है। बावजूद इसके सड़कों की सूरत जस की तस बनी हुई है। न तो सड़कों से कूड़ा उठ रहा है और न ही कूड़ेदान खाली हो रहे हैं। खुद नगरायुक्त आवास के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जो नगर निगम के दावों की पोल खोल रहा है। निगम की यह लापरवाही स्वच्छता सर्वेक्षण में गार्बेज फ्री रेटिंग में बड़ी बाधा बन सकती है।
आवास से 200 मीटर दूर
नगरायुक्त मनीष बंसल का कैंप कार्यालय भले ही शहर के वीआईपी इलाके में हो लेकिन आवास से मात्र 200 मीटर दूर ही गंदगी का ढेर लगा हुआ है। गंदगी का ढेर ऐसा नहीं है कि एक या दो दिन में लगा हो बल्कि परमानेंट खत्ता बना हुआ है। हम बात कर रहे हैं नगरायुक्त आवास के पीछे सिविल लाइन थाना रोड पर मवाना बस स्टैंड के सामने मेन रोड पर लगे कूड़े के ढेर की। यहां सड़क पर फैला हुआ कूड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण की सच्चाई बयां कर रहा है। मेन रोड पर कूड़ा और उस कूड़े पर निराश्रित पशुओं की संख्या यह दिखा रही है निगम गंदगी के साथ खुद निराश्रित पशुओं को आश्रय दिलाने में कितना सक्रिय है।
सड़क किनारे फैला कूड़ा
वहीं निगम की लाख कोशिशों के बावजूद न तो शहर में कुछ निर्धारित जगह पर सड़क किनारे कूड़े के ढेर कम हो रहे हैं और न ही डस्टबिन समय से खाली हो रहे हैं। शहर में जगह-जगह निगम द्वारा लगवाए गए डस्टबिन भी लंबे समय से कूड़े से फुल पड़े हैं।
डस्टबिन हुए गुम
नगर निगम पिछले साल स्टील डस्टबिन लगाए थे लेकिन वह भी कुछ समय बाद ही गायब हो गए। इसके बाद दोबारा डस्टबिन लगाने या पुराने डस्टबिन को रिपेयर करने की कोशिश भी नगर निगम द्वारा नहीं की गई। ऐसे में डस्टबिन की कमी भी इस रेटिंग में बाधा बन सकती है।
वर्जन
संबंधित क्षेत्र के सुपरवाइजर को निर्देश देकर तुरंत सफाई कराई जाएगी। शहर में रोजाना कूड़ा उठाया जा रहा है लेकिन कुछ जगह सुपरवाइजरों की लापरवाही के चलते ऐसी स्थिति बन रही है।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी