मेरठ (ब्यूरो). दो-चार दिन की बात होती तो, हम जिक्र तक नहीं करते, मगर शहर की ज्यादातर सड़कों पर पिछले तीन साल से अंधेरा कायम है। ऐसा नहीं है कि सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं, लाइटें तो हैं मगर उनके रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम ऐसी कंपनी के कंधों पर सौंप दी है, जो अपनी ही जिम्मेदारी उठाने से गुरेज कर रही है।

15 मार्च से पहले
दरअसल, अब शहर की सड़कों पर पसरा अंधेरा शहरवासियों के लिए परेशानी बन चुका है। अंधेरे से गड्ढे भी हादसों का सबब बन रहे हैं। अब नगर निगम इस अंधेरे को दूर करने की जुगत में जुड़ गया है। स्ट्रीट लाइटों की मेंटिनेंस कंपनी ईईएसएल को 15 मार्च से पहले अंधेरामुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें भी रैपिड रेल से संबंधित सभी प्रमुख मार्ग प्राथमिकता में शामिल हैं।

25 से 30 प्रतिशत लाइटें खराब
शहर की सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए नगर निगम ने ईईएसएल कंपनी को ठेका दिया हुआ है। अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम को ईईएसएल को 54 लाख रुपये का भुगतान करना है। कंपनी द्वारा समय से लाइट दुरुस्त ना होने के कारण शहर में लगी करीब 39 हजार लाइटों में से 8 से 10 हजार लाइटें ही काम कर रही हैं। शहर में अधिकतर सभी प्रमुख मार्ग अंधेरे में डूबे हुए हैं।

रैपिड का काम बना बहाना
शहर में सबसे प्रमुख मार्ग शताब्दी नगर से लेकर दिल्ली रोड पर रैपिड रेल के चलते जगह-जगह स्ट्रीट लाइटों को हटा दिया गया है। ऐसे में दिल्ली रोड पर अंधेरा छाया हुआ है। ईईएसएल ने भी रैपिड के बहाने दिल्ली रोड की लाइटों को सुधारना बंद कर दिया है। इस संबंध में शनिवार को नगरायुक्त ने आरआरटीएस के अधिकारियों से बातचीत कर स्ट्रीट लाइट पोल के नए प्वाइंट तैयार करने पर मंथन किया।

180 प्वाइंट पर लगेंगी लाइटें
निगम ने रैपिड रोड के काम के साथ साथ सड़क पर स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए रोड साइड नए प्वाइंट के सुझाव मांगे हैं। इसके तहत पूरे दिल्ली रोड से लेकर मोदीपुरम तक करीब 180 प्वाइंट पर नए स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जाएंगे। इसके लिए आरआरटीएस को ये प्वाइंट तय करके बताने हैं। इनमें से कुछ प्वाइंट निर्धारित किए गए थे, लेकिन कहीं नाला और कहीं हाईटेंशन लाइन के चलते इन प्वाइंट पर पोल नहीं लग पा रहा हैं। ऐसे में दोबारा नए प्वाइंट तलाशने के लिए बुधवार से सर्वे शुरू किया जाएगा।

सर्वे के बाद दुरुस्त होगी व्यवस्था
नए पोल के लिए जगह निर्धारित करने के लिए निगम की टीम आरआरटीएस के साथ मिलकर दिल्ली रोड पर सर्वे करेगी। इसके लिए रैपिड रेल के कारण जगह-जगह हटाए गए पोल को दूसरी जगह शिफ्ट करने के प्वाइंट देखे जाएंगे। अब तक करीब 30 प्वाइंट तय किए जा चुके हैं। इनमें से 25 प्वाइंट पर रोड साइड नाला और ऊपर एचटी लाइन के कारण पोल लगाने में बाधा आ रही है। इसलिए अन्य जगह पर प्वाइंट तय किए जाएंगे।

इन सड़कों पर होगा सर्वे
- परतापुर से शताब्दी नगर
- शताब्दी नगर से एचआरएस चौक
- रुड़की रोड से मोदीपुरम

फैक्ट्स
- ईईएसएल को स्ट्रीट लाइट का ठेका वर्ष 2024 तक है
- शहर में करीब 39 हजार स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था
- दिल्ली रोड, शताब्दीनगर, बिजली बंबा, गढ़ रोड, रुड़की रोड, परतापुर पर अधिकतर स्ट्रीट लाइटें खराब
- अब 15 मार्च तक लाइटें सही करने का टारगेट
- शताब्दी नगर से मोदीपुरम तक 180 नए पाइंट पर लगेंगे पोल
- इन पोल पर करीब 640 नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी
- आठ माह पहले ही दो हजार से अधिक लाइटें खराब होने पर 49 लाख 77 हजार 482 रुपये का कंपनी पर लगाया गया था जुर्माना
- 25 जून से 5 जुलाई तक नगर निगम ने सर्वे किया था और सर्वे में 1328 लाइटें बंद मिली थीं


इस कारण से भी पसरा अंधेरा
- स्ट्रीट लाइटों की जर्जर हो चुकी लाइन
- बेगमपुल से गढ़ रोड पर स्ट्रीट लाइट की लाइन बेहद कमजोर है
- बारिश के मौसम में पुराने तारों में फॉल्ट होना संभव
- स्ट्रीट लाइटों के सर्किट खराब होना
- शहर में किसी भी स्ट्रीट लाइट के पोल पर अर्थिंग नहीं है
- करंट ज्यादा होने से स्पेशल प्रोटेक्शन डिवाइस खराब हो जाता है
- स्ट्रीट लाइट की लाइन में कहीं-कहीं फेज वायर तक नहीं है

तीन विभागों की है जिम्मेदारी
- अनुबंध के मुताबिक ईईएसएल की जिम्मेदारी स्ट्रीट लाइट का सेटअप, उसमें नई एलईडी लगाने व उसका मेंटीनेंस, स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन मुख्य लाइन से करने की है।
- सीसीएमएस अर्थात लाइट जलाने व बुझाने का सर्किट स्थापित करना भी कंपनी का काम है।
- स्ट्रीट लाइट के पोल से लेकर बिजली लाइन तक के ढांचे के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम और ऊर्जा निगम की है।

वर्जन
शनिवार को आरआरटीएस के साथ मीटिंग के बाद यह तय हुआ कि 180 नए प्वाइंट पर पोल लगाए जाएंगे। जिस जिस मार्ग पर रैपिड रेल का काम हो रहा है। वहां स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था दुरुस्त होगी। इसके लिए हम बुधवार से सर्वे करेंगे। 15 मार्च तक लाइटें दुरुस्त होंगी।
- इंद्र विजय, सहायक नगरायुक्त