मेरठ (ब्यूरो). एमडीए के खेल भी निराले हैं। पहले तो शहर के विकास के नाम पर शहर में जगह-जगह मानकों के विपरीत अवैध निर्माण से आंखें मूंदकर बढ़ावा दे देते हैं और जब आम नागरिक इन अवैध निर्माणों के खिलाफ शिकायत कर आला अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करता है तो गलत तरीके से निस्तारण कर आम जनता समेत अपने विभागीय अधिकारियों को ही गुमराह कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला आईजीआरएस पोर्टल पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें एमडीए द्वारा एक शिकायत का निस्तारण जोनल अधिकारी याकूब कुरैशी के नाम से किया गया है। जबकि इस नाम से कोई जोनल अधिकारी विभाग में कार्यरत ही नहीं है।

यह था मामला
दरअसल एमडीए की जोन-डी में अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई है। अधिकारियों की अनदेखी या कहें कि मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण बढ़ रहे हैं। कृषि योग्य जमीन का दुरपयोग करते हुए कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसी ही एक कॉलोनी गढ़ रोड पर पंचगांव पट्टी में तैयार की जा चुकी है। कॉलोनी में प्लॉट की बिक्री भी शुरू हो चुकी है, लेकिन एमडीए के अधिकारियों ने इस ओर आंखें मंूदी हुई हैं। कॉलोनी के नक्शे से लेकर अनुमति तक नहीं है। इस संबंध में जब एक समाज सेवक द्वारा जानकारी ली गई तो कोई जानकारी नहीं दी गई।

पोर्टल पर हुआ फर्जी निस्तारण
दरअसल विभागीय भ्रष्टाचार और आम जन सुविधा से जुड़े विकास कार्यों में गड़बड़ी होने पर शहर के नागरिक उप्र राज्य सरकार के पोर्टल आईजीआरएस पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस पोर्टल पर खुद मुख्यमंत्री की निगरानी में शिकायतों का निस्तारण किया जाता है। एमडीए के अधिकारी अब इस पोर्टल पर ही खेल करना सीख गए हैं। अवैध कॉलोनी की जब आईजीआरएस पोर्टल पर 40013821020215 नंबर से शिकायत की गई तो एमडीए द्वारा कॉलोनी का निस्तारण जोनल अधिकारी याकूब कुरैशी द्वारा कर दिया गया। जबकि इस नाम का कोई जोनल अधिकारी विभाग में है ही नहीं।

प्लॉट की जगह दिखा दिया बिटौड़े
पोर्टल पर हुए निस्तारण में जोनल अधिकारी याकूब कुरैशी द्वारा बताया गया कि शिकायत पर क्षेत्रीय अवर अभियंता द्वारा मौके पर मुआयना किया है। वहां कोई अवैध निर्माण नहीं मिला और निर्माण वाली जगह पर कूड़ी और बिटौड़े बने हुए हैैं। जबकि आज वहां प्रोपर्टी डीलर का कार्यलय तक खुल चुका है।

वर्जन-
याकूब कुरैशी नाम से कोई अधिकारी विभाग में नहीं है। यह पोर्टल के स्तर पर कोई गलती हुई है। हमारे द्वारा इस प्रकार से नाम लिखकर शिकायत का निस्तारण अपलोड नहीं किया गया। शिकायत की जांच की जाएगी और अवैध निर्माण मिला तो कार्यवाही की जाएगी।
- विपिन कुमार, जोनल अधिकारी जोन-डी