मेरठ (ब्यूरो)। वन विभाग ने विश्व गौरेया दिवस के मौके पर 20 मार्च को गौरेया संरक्षण के लिए अभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत वन विभाग ने व्हाट्सएप नंबर और मेल आईडी जारी कर शहर के लोगों से गौरेया के घौंसलों की जीपीएस लोकेशन और फोटो मांगी थी। वन विभाग द्वारा जारी डाटा के अनुसार रविवार को 18 गौरेया और 15 घौंसलों की पहचान की गई। इनमें तीन नर गौरेया, चार मादा गौरेया और छह बच्चे शामिल थे। इसके अलावा पांच गौरेया नर या मादा थी, इसकी पहचान नहीं हो सकी।
इन लोकेशन पर अधिक गौरेया मिलने की संभावना
कैंट एरिया
मोदीपुरम
हस्तिनापुर
जागृति विहार एक्सटेंशन
एक सप्ताह चलेगा अभियान
रविवार को अभियान के बाद भी बहुत कम संख्या में गौरेया की लोकेशन मिली। इसलिए वन विभाग ने अब गौरेया की तलाश का डिजिटल अभियान एक सप्ताह तक बढ़ा दिया है। अब यह अभियान 27 मार्च तक जारी रहेगा। इसमें गौरेया की लोकेशन तलाश कर गौरेया की गिनती की जाएगी। साथ ही साथ गौरेया के निवासी स्थल विकसित किए जाएंगे। इस मुहिम में शहर की प्रमुख एनजीओ एनवायरमेंट क्लब और सारथी संस्था ने अहम भूमिका निभाते हुए घौंसलों का वितरण से लेकर गौरेया गिनती में सहयोग किया।
भेजे गौरैया की फोटो और पता
गौरैया को विलुप्त होने के बचाने के लिए और गौरैया के संरक्षण के लिए वन विभाग ने व्हाट्सएप नंबर जारी किया है। गौरैया के घोंसले या फिर जहां वो अक्सर आती है तो उसका फोटो खींचकर वन विभाग को 9410861386 नंबर पर व्हॉट्सएप किया जा सकता है। इसमें वहां का पूरा पता और जीपीएस लोकेशन मांगी जा रही है।
गौरेया के बारे में ये है कुछ खास
बता दें कि गौरैया एक छोटी प्रजाति की चिडिय़ा है। यह एशिया, अमेरिका, यूरोप आदि देशों में पाई जाती है। शहरी इलाकों में गौरैया की छह प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसैट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो शामिल हैं।
एनवायरमेंट क्लब ने किया प्रतिभाग
इस अवसर पर क्लब की टीम ने वन विभाग मेरठ के द्वारा आयोजित गौरैया गणना में भी प्रतिभाग किया। क्लब की टीम वन विभाग की मेरठ रेंज टीम के सुबह से ही गौरैया को खोजने निकल पड़ी, गंगानगर, साकेत, कमिश्नरी चौराहा व एनएएस कॉलेज के आसपास गौरैया को गणना करने के लिए ढूंढा गया। टीम को एनएएस कॉलेज के पास जगन्नाथपुरी कॉलोनी में डॉ। नवीन गुप्ता के घर व आसपास के घरों में भारी संख्या में नर व मादा गौरैया स्वच्छंद विचरण करती व चहकती मिलीं। इस मौके पर सावन कन्नौजिया, आदित्य सिंह, गोविंद शर्मा, प्रियांशु पत्रेवाल, पीयूष शर्मा वन विभाग के वन दारोगा मोहन सिंह, विशंभर, युधिष्ठिर दत्त, कमलेश आदि शामिल रहे।
जिले में गौरेया के स्थलों को जीपीएस के माध्यम से तलाशा जा रहा है। पहले दिन हमें 100 से अधिक गौरेया की 6 से 7 लोकेशन मिली हैं। इन लोकेशन पर जाकर गौरेया की गिनती की जाएगी। वन विभाग की टीम गौरेया के हैबिटेट को विकसित करने के लिए आम जन के सहयोग से प्रयास कर रही है।
राजेश कुमार, डीएफओ