मेरठ ( ब्यूरो)। सीसीएस यूनिवर्सिटी ने तकरीबन 12 हजार बीएड के छात्रों की मार्कशीट को रोक दिया है। बीएड का परीक्षा शुल्क करीब छह हजार रुपए था। इस लिहाज से कॉलेजों को बार - बार परीक्षा शुल्क जमा करने का रिमाइंडर भी भेजा गया है। बावजूद इसके, कॉलेजों ने एससी-एसटी कॉलेजों के छात्रों का परीक्षा शुल्क जमा नहीं कराया।
बीएड कॉलेजों की होगी जांच
बीएड कॉलेजों की मनमानी को देखते हुए यूनिवर्सिटी की कार्य परिषद ने जांच की बात कही थी। बीएड कॉलेजों के खिलाफ शिकायतों की जांच अब तक नहीं हुई थी। अधिकतर शिकायतें मानकों के अनुरूप बीएड शिक्षकों की नियुक्ति व अन्य सुविधाएं मुहैया न कराने को लेकर थी। कुछ अन्य कोर्स में सफल होने वाले अभ्यर्थियों के रिजल्ट भी परीक्षा शुल्क के कारण रुके हंै।
ऐसे रुकी थी फीस
शासन के निर्देशों के अनुसार एसटी -एससी के स्टूडेंट्स का शून्य फीस पर एडमिशन का प्रावधान था। स्टूडेंट को फीस की प्रतिपूर्ति शासन करता है। परीक्षा फार्म के वक्त स्टूडेंट ने फीस की असमर्थता जताई तो यूनिवर्सिटी ने भी शून्य शुल्क कर दिया था। इस स्थिति में बिना शुल्क दिए मार्कशीट पर रोक लगा दी गई। यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों से प्रतिपूर्ति मिलने पर परीक्षा शुल्क कैम्पस में जमा करने को कहा था, लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं। कुछ को छोडक़र अधिकतर ने परीक्षा शुल्क शैक्षिक शुल्क के साथ शासन से तो ले लिया, लेकिन जमा नहीं कराया। छात्र अपनी मार्कशीट लेने पहुंच रहे हैं तो इसका खुलासा हो रहा है। इस प्रकरण में अकेले बीएड के ही स्टूडेंट की संख्या 12 हजार तक पहुंच चुकी है।
इस संबंध में कार्यपरिषद समिति स्तर से जांच टीम बनाई गई है। जांच होने तक मार्कशीट पर रोक लगा दी गई है। लेकिन इसपर जल्द ही जांच होने के बाद कार्रवाई होगी।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार सीसीएसयू
मार्कशीट नहीं मिलेगी तो हम आगे कैसे अप्लाई करेंगे। इस बारे में यूनिवर्सिटी को सोचना चाहिए। कॉलेजों की गलती का स्टूडेंट पर असर क्यो पड़ रहा है।
कनिका
मेरी भी मार्कशीट रुकी हुई है। यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट रोककर हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। इसमें केवल कॉलेजों को पकडऩा चाहिए।
सुशील
मेरी मार्कशीट रोक दी गई है। जॉब के लिए अप्लाई करना था, वहां मार्कशीट जमा करनी थी। अब मुझे बहुत परेशानी हो रही है।
पूजा