मेरठ (ब्यूरो)। रेवन्यू की बढ़ोत्तरी और शहरवासियों की सुविधा की लिए नगर निगम ने एक पहल की है। नगर निगम के दायरे में आने वाले सभी घरों और प्रॉपर्टी का एक यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर बनेगा। इससे पलभर में घरों से जुड़े टैक्स और प्रॉपर्टी से जुड़े की पूरी डिटेल सामने आ जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है। यही नहीं, इस यूनिक नंबर के आधार पर ही हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, सीवर टैक्स या फिर घर का म्यूटेशन कराया जा सकेगा। उम्मीद है कि अगले महीने यानि मई में यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर बनने की प्रक्रिया शुरू होगी।
टैक्स की चोरी रुकेगी
गौरतलब है कि नगर निगम की मुख्य आय का जरिया हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और सीवर टैक्स है। राजस्व की वसूली के लिए नगर निगम की टीम तत्पर रहती है। बावजूद इसके, निगम की ओर से टैक्स की शत-प्रतिशत वसूली नहीं हो पा रही है। शहर में जारी जियो सर्वे के बाद भी हजारों की संख्या में मकान अभी टैक्स के दायरे में शामिल नहीं हो पाए हैं।
टैक्स का सही निर्धारण नहीं
हालत है कि शहरी परिक्षेत्र में बने भवन एक मंजिला से तीन-तीन मंजिल तक बन गए हैं। बावजूद इसके, उनके टैक्स में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है। टैक्स जस का तस बना हुआ है। सीवर व वाटर टैक्स का निर्धारण भी सही से नही हो पा रहा है।
यूनिक आईडी नंबर जारी
इन सब समस्याओं के निस्तारण के लिए अब निवास स्थान का यूनिक आईडी नंबर जारी किया जाएगा। ताकि इससे यह पहचान हो सके कि कितने लोग हाउस टैक्स जमा कर रहे हैं। इससे गृह और जल कर की चोरी भी रुक जाएगी।
पौने तीन लाख संपत्तियों की आईडी
पहले चरण में मेरठ शहर में लगभग दो लाख 75 हजार से अधिक संपत्ति का यूनिक आईडी नंबर जारी करने की तैयारी है। यानि एक क्लिक के जरिए आपकी प्रॉपर्टी की सारी डिटेल पता चल जाएगी।
ऐसे काम करेगा यूआईडी नंबर
इस नंबर से आसानी से ये पता चल पाएगा कि वो संपत्ति आवासीय है, व्यवसायिक है या फिर किसी अन्य श्रेणी में आती है।
शहर में तीन कैटेगरी में ये नंबर जारी किए जाएंगे।
इसमें ऑनर की प्रॉपर्टी की अलग-अलग पहचान करने में आसानी होगी।
प्रॉपर्टी से संबंधित टैक्स को जमा करने में भी लोगों को आसानी होगी।
आसानी से बनेंगे सर्टिफिकेट
इस यूनिक नंबर के जारी होने के बाद शहर के लोगों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में भी परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस आईडी के आधार पर घर के सदस्यों का पूरा रिकार्ड निगम के ऑनलाइन सिस्टम में मौजूद रहेगा। जरूरत पडऩे पर या प्रमाण पत्र अपडेट कराने के लिए आवेदक को दोबारा अप्लाई करने की जरूरत नही पड़ेगी। अपना यूनिक आईडी नंबर बताने के बाद वैरीफिकेशन कर उसको प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
यह व्यवस्था आम जन के लिए भी सही रहेगी। जैसा बताया जा रहा है अगर उस तरह लागू की जाए तो। ऐसे में शहरवासियों को सुविधा मिलेगी।
रविंद्र
आईडी से क्या फायदा मिलेगा यह तो लागू होने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन इससे निगम को अपने टैक्स कलेक्शन मे जरुर सहूलियत रहेगी।
सुनील
अच्छी व्यवस्था है इस आईडी के जरिए भवन स्वामी को भी अपने टैक्स का अपडेट मिलता रहेगा।
शेरा
यूनिक आईडी नंबर की प्रक्रिया पर काम चल रहा है यह व्यवस्था टैक्स विभाग द्वारा तैयार की जा रही है। सर्वे के बाद सभी भवनों को आईडी दी जाएगी।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त