मेरठ (ब्यूरो)। एक तो शादियों का सीजन चला गया, ऊपर से रूस-युक्रेन भिड़ गए। नतीजा यह हुआ कि एशिया के सबसे बड़े हैंड मेड ज्वैलरी मार्केट को सांप सूंघ गया। पिछले तीन दिनों से सोने का भाव ऊपर-नीचे हो रहा है। बाजार में ऐसी अनिश्चितता के बीच भला कौन सोना खरीदने आएगा। ग्राहक गायब हो चुके हैं और मेरठ के सर्राफा बाजार को रोजाना एक करोड़ की चपत लग रही है। यह युद्ध लंबा खिंचा तो सोने का भाव कहां जाकर थमेगा, कोई नहीं जानता।
55 से 60 हजार तक
गत सप्ताह गोल्ड का रेट 50 हजार के करीब बना हुआ था। रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते गोल्ड गुरुवार को 54 हजार के पार चला गया था। गोल्ड के रेट में चार हजार रुपए के इजाफे के बाद से बाजार में एक दम से सन्नाटा पसर गया था। हालांकि शुक्रवार को गोल्ड की कीमत में दो हजार और शनिवार को 300 रूपये की कमी के बाद गोल्ड का दाम 51700 तक पहुंच गया। इससे व्यापारियों को राहत तो मिली, लेकिन ग्राहकों ने बाजार से दूरी बनाए रखी।
युद्ध हुआ तो बढ़ेगा भाव
विशेषज्ञों की मानें तो युद्ध अगर कुछ दिन और चला तो गोल्ड का दाम 55 से 60 हजार प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। सर्राफा व्यापारियों के अनुसार रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से सोने-चांदी की कीमत में भी इजाफा होने लगा है। यदि यह युद्ध न थमा तो इस माह के अंत तक ही सोना 55 हजार प्रति तोला, जबकि चांदी 80 हजार प्रति किलो की कीमत को पार कर सकती है।
कोट्स
बाजार में अस्थिरता का माहौल है। तीन दिन से बाजार में 10 प्रतिशत ग्राहक भी नहीं आ रहा है। शादियों का सीजन भी खत्म हो चुका है, ऐसे में दाम बढऩे के कारण ग्राहक बाजार से दूरी बना रहा है।
मनोज गर्ग, कोषाध्यक्ष बुलियन एसो।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद गोल्ड के दामों में शुक्रवार और शनिवार को कमी आई लेकिन ग्राहक आम दिनों की तरह बाजार में नहीं पहुंचा। ग्राहकों की कमी के चलते सर्राफा बाजार को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रदीप अग्रवाल, अध्यक्ष बुलियन एसो।