मेरठ (ब्यूरो)। स्कूली वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग का अभियान लगातार जारी है। रोजाना स्कूलों के बाहर आरटीओ प्रवर्तन दल वाहनों की चेकिंग कर चालान की कार्यवाही कर रहा है। अच्छी बात यह है कि गत एक सप्ताह में दो दर्जन से अधिक स्कूली वाहनों पर अधूरे मानकों के चलते कार्यवाही हो चुकी है। लेकिन, खराब बात है कि परिवहन विभाग का यह अभियान केवल स्कूली बसों तक ही सीमित है। जबकि स्कूली वाहनों के नाम पर रोजाना शहर की सड़कों पर सैकड़ों प्राइवेट वाहन बच्चों को भरकर दौड़ रहे हैं। इन पर परिवहन विभाग की मेहरबानी बरकरार है।

संचालकों पर नहीं लगाम
अधिकतर प्राइवेट स्कूलों मे संचालित होने वाले स्कूली वाहन और बसों के मानक पूरे हैं। जिनकी फिटनेस एक्सपायर है उनको नोटिस दिया जा चुका है फिटनेस पूरी कराने की प्रक्रिया जारी है। लेकिन, समस्या इन वाहनों से ज्यादा उन प्राइवेट वाहनों से है जो स्कूली बच्चों की सुरक्षा का एक भी मानक पूरे करे बिना ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं। क्षमता से ज्यादा बच्चों को भरकर यह वाहन पुलिस के सामने से ही निकल जाते हैं लेकिन, इनको रोकने की हिम्मत प्रर्वतन दल या ट्रैफिक पुलिस नहीं करती है।

ऑटो रिक्शा की भरमार
स्कूलों की छुट्टी होते ही शहर की सड़कों पर स्कूली वैन और ऑटो रिक्शा की भरमार हो जाती है। ऐसा कोई चौराहा या स्कूल के आसपास की रोड नहीं जिस पर बच्चों को लादे वाहन फर्राटा भरते हुए न दिखें। लेकिन, इन वाहनों पर कार्यवाही के नाम पर परिवहन विभाग का आंकड़ा 10 प्रतिशत भी नहीं है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार गत एक सप्ताह में चार से पांच ही स्कूली वैन का चालान काटा गया है। जबकि स्कूली बसों की संख्या 20 से अधिक है। जिनका चालान काटा गया है और तीन बसें ऐसी भी हैं जिनको सीज तक किया गया है। लेकिन, यह आंकड़ा असल में दौड़ रहे वाहनों की संख्या से काफी कम है।

वर्जन
स्कूली वाहनों की रोजाना चेकिंग चल रही है और कार्यवाही भी जारी है। स्कूलों को नोटिस भेजा जा चुका है। बाकि प्राइवेट वाहनों को ऑनरोड पकड़ कर कार्यवाही हो रही है। वाहन सीज करने में समस्या आ रही है। हमारे पास जगह नहीं है। बाकि कुछ वाहन हमने सीज भी किए हैं।
- सुधीर कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन