मेरठ (ब्यूरो)। ऐसा खाना जिसकी न्यूट्रिशियन वैल्यू जीरो है, उसे खाकर महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं। मेरठ शहर की हर दूसरी महिला में एनीमिया पाया गया है। केंद्रीय मंत्रालय द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार जिले की 50 फीसदी महिलाओं की आबादी में खून कम मिला है। एक्सपट्र्स बताते हैं कि महिलाओं की थाली से पौष्टिक खाना गायब है। स्वाद के एवज में आधी आबादी अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं।
बच्चियों की स्थिति भी गंभीर
रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 5 साल की बच्चियों की बॉडी में खून कम होने की भारी समस्या पनप रही है। एक से 5 साल की बच्चियों की 55.2 फीसदी आबादी में खून की दिक्कत है। ताजे आंकड़ें काफी चिंताजनक है। इसका सीधा असर बच्चियों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ रहा है। डॉक्टर्स बताते हैं कि शरीर में खून की कमी के चलते बच्चों के दिमाग में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे गंभीर रोग होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
ये आ रहीं दिक्कतें
थकावट और कमजोरी
खून की कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है, जिससे थकावट और कमजोरी महसूस होती है।
सांस लेने में कठिनाई
शरीर में कम खून की वजह से मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। जिससे सांस लेने में कठिनाई, सांस फूलने की समस्या बन रही है।
चक्कर आना और सिरदर्द
एनीमिया से मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे चक्कर और सिरदर्द बढ़ रहा है।
हृदय की समस्याएं
गंभीर अनीमिया के कारण हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है, जिससे दिल की धड़कनें तेज जाती है और हार्ट अटैक तमाम दिक्कतें हो रही हैं।
स्किन का रंग फीका होना
खून की कमी के कारण स्किन का रंग सामान्य से अधिक पीला या सफेद होने लगता है।
हाथ-पैर ठंडे होना
रक्त प्रवाह की कमी से हाथ-पैर ठंडे हो सकते हैं।
सूजन और सूखापन
अनीमिया के कारण मुंह में सूजन या सूखापन भी हो जाता है।
संतुलित खानपान बेहद जरूरी
डॉक्टर्स कहते हैं कि एनीमिया को रोकने के लिए खाने-पीने का सही संतुलन होना बहुत जरूरी है। खासतौर से गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होती है तो इसका दुष्प्रभाव उनकी संतान पर पडऩे का खतरा भी रहता है। कामकाजी महिलाएं हो या घरेलू दोनों ही अपने खान-पान को लेकर बेहद लापरवाह हैं। संतुलित थाली लेने की बजाए कुछ भी उनकी खा लेने की आदत ही उन्हें नुकसान पहुंचती है। बहुत जरूरी है कि उनकी रोजाना की खाने की दिनचर्या बेहद संतुलित और पोषण से भरपूर हो तभी, उनमें खून की कमी जैसी समस्या दूर हो सकती है।
ऐसे करें अनीमिया से बचाव
आहार में सुधार के लिए आयरन से भरपूर डाइट जैसे पालक, बीन्स, मांस, अंडे, और ड्राई फू्र ट्स का सेवन करें।आयरन को बेहतर तरीके से अब्जॉर्ब करने के लिए विटामिन-सी जैसे संतरा, नीबू अमरूद आदि भी खाएं। खाने में प्रोटीन, विटामिन मिनरल्स आदि शामिल होने चाहिए।
खून की कमी वाले संकेतों पर ध्यान दें जैसे थकावट, सिरदर्द, और स्किन का रंग फीका होना अनीमिया के संकेत हो सकते हैं। आयरन सप्लीमेंट्स लें।
हेल्थी लाइफस्टाइल जिएं। पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम और स्ट्रेस मैनेजमेंट करें।
इनका है कहना
महिलाओं में आयरन की कमी असंतुलित आहार और पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण होती है। आयरन से भरपूर डाइट जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, काले चने आदि का सेवन करें। विटामिन-सी आयरन के अवशोषण को ठीक करता है।
डॉ। मनीषा त्यागी, सीनियर गायनी
महिलाएं अपनी डाइट में आयरन की कमी की अनदेखी कर देती हैं। गर्भावस्था और माहवारी के दौरान खासतौर से डाइट पर ध्यान देना होता है। संतुलित आहार के माध्यम से आयरन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की पर्याप्तता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
डॉ। कंचन मालिक, सीनियर गायनी
महिलाओं में खून की कमी से हार्मोनल चेंज, माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव और गर्भावस्था प्रभावित होती हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं को अपनी आहार संबंधी आदतों पर ध्यान देना चाहिए।
डॉ। अशोक कटारिया, सीएमओ