मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, फूलबाग कालोनी नाला रोड पर गत दिनों ही सौदर्यीकरण के तहत ग्रीन बेल्ट विकसित की गई थी। इस ग्रीन बेल्ट में फूलों वाले पौधों समेत कई पेड़ लगे हुए हैं। खुद तत्कालीन एडीजी प्रशांत कुमार ने इस ग्रीन बेल्ट को पौधरोपण कर विकसित किया था। मगर गत माह बिजली विभाग ने ग्रीन बेल्ट के ऊपर से गुजर रही 11 हजार वोल्ट की लाइन की सुरक्षा के लिए यहां लगे पेड़ों को काट डाला। पूरी ग्रीन बेल्ट में मानकों के अनुसार पेड़ों का कुछ हिस्सा काटा जाना था लेकिन पेड़ को नीचे तक काट दिया गया। जिससे न केवल सभी पेड़ नष्ट हो गए बल्कि पूरी ग्रीन बेल्ट का सौंदर्यीकरण ही खत्म हो गया।
नहीं ली अनुमति
इस प्रकार से हरे-भरे पेड़ काटने के लिए वन विभाग की अनुमति ली जानी अनिवार्य होती है। मगर बिजली विभाग ने वन विभाग की अनुमति लेना भी जरुरी नहीं समझा। दरअसल, खुद शिकायतकर्ता ने जब वन विभाग से इस बारे में जानकारी ली तो उन्होंने इस मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई करने को कहा। जबकि बिजली विभाग का कहना है कि पेड़ों के कारण तेज हवा चलने पर तार आपस में टकराने से हादसा होने की संभावना थी, इसलिए पेड़ काटे गए हैं।
पेड़ों के कटान से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी। मौके पर भेजकर टीम से जांच कराई गई है। बिजली विभाग को नोटिस जारी किया जाएगा।
राजेश कुमार, डीएफओ
इस मामले में वन और बिजली विभाग से शिकायत की गई थी। जिसके बाद बिजली विभाग के जेई ने कहा कि पेड़ काटने से पहले अनुमति नहीं ली थी।
रवि कुमार, अध्यक्ष, बूंद फाउंडेशन