मेरठ (ब्यूरो)। तनाव ग्रस्त जीवन अपने साथ कई बीमारियां लाता है, जिनके बारे में आम नागरिकों को जानकारी होना बेहद आवश्यक है। तनाव से जुड़े विभिन्न रोगों से संबंधित सवालों के निवारण के लिए मंगलपांडे नगर स्थित डॉ। बेंद्रे किडनी सेंटर में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इनफर्टिलिटी भी तनाव की देन
कार्यशाला में शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों द्वारा तनाव से जुड़े रोगों से संबंधित प्रश्नों के जवाब व जानकारी दी गई। कार्यशाला को डा सपना अग्रवाल, डॉ। प्रशांत बेंद्रे एवं डॉ। शिवकांत अग्रवाल ने संबोधित किया और जीवन शैली से जुड़े विभिन्न पहलू पर मार्ग दर्शन किया। डॉ। सपना अग्रवाल ने इनफर्टिलिटी यानी बांझपन की समस्या से जूझ रहे दंपतियों को इसके कारणों पर प्रकाश डाला और बांझपन से जुड़े सामाजिक स्टिग्मा को दूर करने की सलाह दी। उन्होंने कहा की आज के समय के रहन सहन, खान पान, स्ट्रेस आदि इनफर्टिलिटी समस्या के मुख्य कारण हैं और बांझपन से मुक्ति की राह यह स्वीकार करने से शुरू होती है की अन्य बीमारियों की तरह यह भी एक बीमारी है, जिसका इलाज संभव है।
ध्यान, प्राणायाम, योग जरुरी
डॉ। प्रशांत बेंद्रे ने भी जीवन शैली का शरीर के अंगों विशेषकर गुर्दों पर प्रभाव की जानकारी प्रदान की। डॉ। शिवकांत अग्रवाल ने जोर दिया की अब सर्दी आने पर हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है ऐसे में सावधानियां जरूरी हैं। नही तो स्वस्थ इंसान भी सांस आदि की बीमारी या किसी वायरल की चपेट में आ सकता है। सभी डॉक्टर्स ने दवाई के साथ साथ बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए ध्यान, प्राणायाम, योग, एवं सुदर्शन क्रिया को निरंतर करने और सीखने पर जोर दिया।