मेरठ (ब्यूरो)। क्लब निदेशक आयुष गोयल व पीयूष गोयल ने बदलते हुए मौसम के साथ-साथ खानपान में बदलाव करने की आवश्यकता के बारे में बताया। इस दौरान मुख्य अतिथि खानपान विशेषज्ञ डॉ। भावना गांधी ने बताया कि कैसे बदलते हुए मौसम में हमें अपने खानपान को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में बदले हुए मौसम के साथ-साथ खानपान में बदलाव लाने की जरूरत है। सर्दियों में मेथी, पालक, बथुआ, मटर, घिया, मूली, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। इसके साथ ही अपने रोज के खाने में मक्का, बाजरा, ज्वार ,रागी आदि मोटे अनाज से बनी रोटियां जरूर भोजन में शामिल करें।

तला-बुना भोजन न करें

उन्होंने बताया कि सर्दियों में मानसिक तनाव की समस्या बढ़ जाती है। तनाव दूर करने के लिए बादाम, मखाने, अखरोट आदि का सेवन करें। सर्दियों में तला हुआ भोजन करने से बचें। देसी घी, वेजिटेबल ऑयल का प्रयोग सीमित मात्रा में करें। इसके साथ ही उन्होनें कहा कि आजकल सर्दी में जुकाम खांसी जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं, ऐसे में जुकाम खांसी से बचाव के लिए गिलोय, गुड, तिल से बनी हुई वस्तु को भोजन में शामिल करें। इसके साथ ही आप चाहे तो स्नेक्स के तौर पर अपनी डाइट में मौसमी फल जैसे अमरूद, केला, संतरा आदि को शामिल करें। मूंगफली और काजू के सेवन से कोलेस्ट्रॉल की समस्या उत्पन्न होती है। सर्दियों में दैनिक आहार में हल्दी, दालचीनी, लॉन्ग, इलायची जैसे मसालों को शामिल करें। इसके साथ ही ध्यान रखें कि मसालों का प्रयोग कम मात्रा में करें, जैसे लाल मिर्च व नमक कम डाले। हो सके तो सेंधा नमक लें। बीमारियों से बचाव के लिए संतुलित आहार ग्रहण करना आवश्यक है।

ये लोग शामिल रहे

कार्यक्रम में प्रिंस अग्रवाल, विपुल सिंघल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर लक्ष्मी शर्मा, डॉक्टर ममता सिंह, डॉक्टर स्वर्ण लता, कदम, प्रिंस अग्रवाल आदि मौजूद रहे।