मेरठ (ब्यूरो)। कोरोना की चौथी लहर की आशंका के चलते प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। अस्पतालों में कोरोना के इंतजार को दुरुस्त करने और आपात स्थितियों से निपटने को स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को परखा गया और कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए गए। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी और नोडल अधिकारी की देख-रेख में हुई।
ऑक्सीजन हुई उपलब्ध
सोमवार को जिला अस्पताल, लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दौराला, सरधना, मवाना हस्तिनापुर, किठौर के अस्पतालों में की व्यवस्थाओं की जांच के लिए मॉक ड्रिल कराई गई। आपात स्थिति की जांच के लिए एक साथ 7 से 8 से अधिक मरीजों को भर्ती कराया गया और सांस की कमी के कारण मरीजों की हालत बिगड़ता देख उनको तुरंत बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई। खुद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। अखिलेश मोहन द्वारा गठित की गई टीम द्वारा पूरा मॉक ड्रिल का आयोजन कर पूरी जांच की गई।
एंबुलेंस की टाइमिंग
इस दौरान कोविड-19 ऑक्सीजन प्लांट, कोविड वार्ड, एम्बुलेंस की टाइमिंग, दवा आदि की जांच भी की गई। इमरजेंसी कॉल आने के बाद एंबुलेंस पहुंचने और अस्पताल तक लाने की पूरी टाइमिंग को नोट किया गया। इसके बाद इमरजेंसी टीम द्वारा मरीज को अटेंड करने और प्राथमिक दवा देने की प्रक्रिया को देखा गया। कुछ जगह एंबुलेंस के समय को सुधारने के निर्देश दिए गए। इस दौरान अस्पताल में आए कोरोना के मरीज को कितने समय में उपचार मिलता है इसकी भी जांच की गई।
वर्जन
फिर से कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए शासन ने स्वास्थ्य विभाग को सभी तैयारियां दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल की गई। इस दौरान चिकित्सालयों में ऑक्सीजन व्यवस्था को प्रमुखता से जांचा गया जो लगभग दुरुस्त मिली।
डॉ.अखिलेश मोहन, सीएमओ