मेरठ (ब्यूरो)। कर्नाटक के बेलगावी की चिक्कोड़ी तालुक में दिगंबर जैन मुनि कामकुमार नंदी महाराज की हत्या मामले में मेरठ में जैन समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय जैन समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज के साथ सकल जैन समाज के तमाम लोग डीएम कार्यालय पहुंचे। यहां कलेक्टर के सामने नारेबाजी करते हुए आरोपियों को फांसी देने की मांग उठाई। जैन समाज के लोगों ने डीएम के माध्यम से पीएम मोदी और कर्नाटक सीएम के नाम एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें मुनि के हत्यारोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है। साथ ही जैन मुनियों को सरकार सुरक्षा दे इसकी मांग की है। इस प्रदर्शन में कवियत्री अनामिका अंबर, कवि सौरभ जैन सुमन भी शामिल रहे।
पीएम-सीएम के नाम ज्ञापन
बता दें कि कर्नाटक के बेलगावी की चिक्कोड़ी तालुक में दिगंबर जैन मुनि कामकुमार नंदी महाराज की हत्या की गई है। वहां आरोपियों ने जैन मुनि को पहले करंट देकर आघात पहुंचाया। इसके बाद उनके शव के 9 टुकड़े कर उन्हें गांव में एक बंद पड़े बोरवेल में फेंक दिया। पुलिस ने पूरे मामले में दो लोगों नारायण बसप्पा माडी और हसन दलायथ को अरेस्ट किया है। इसके विरोध में सकल जैन समाज एकजुट हुआ।
आरोपियों को मिले सजा
डीएम कार्यालय के बाहर खड़े रितुराज जैन, अनामिका अंबर, सौरभ सुमन व अन्य जैन समाज के पदाधिकारी अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने कहा कि हमारे साधु-संतों का हर कार्य अहिंसा से प्रेरित है। इस दौरान सभी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के नाम डीएम को ज्ञापन दिया। साथ ही आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की। फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल चलाने के लिए पीएम के नाम भी ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि हमारे यहां हमने सांकेतिक रूप से अपनी भावना को व्यक्त किया है। हमें कमजोर न समझा जाए, जब तक हत्यारों को फांसी नहीं होगी हम चुप नहीं बैठेंगे।
हम अहिंसक हैं, नपुंसक नहीं
कवियत्री अनामिका अंबर ने कहा कि इससे पीड़ात्मक कुछ नहीं हो सकता हमारे एक मुनि की हत्या कर दी जाती है। कर्नाटक सरकार से मेरा अनुरोध है कि आरोपियों को फांसी से भी बड़ी कोई सजा हो तो वो दी जाए। जिससे सबको ये सबक मिले कि साधुओं की हत्या से बड़ा पाप नहीं होता। हमारे साधुओं को सुरक्षा दी जाए। साधु वो हैं जो धर्म को सहेजकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि हम अहिंसक हैं नपुंसक नहीं, वक्त पड़ेगा तो अपने मुनियों को न्याय दिलाने के लिए हम सड़कों पर भी उतरेंगे। हमारे आक्रोश को सम्मान दिया जाए। इस मौके पर कवि सौरभ जैन सुमन ने कहा कि हम जैन समाज को कोई बुजदिल समझ बैठे तो दवा इसकी भी रखते हैं। गांधी भी हैैं हम मगर हाथ में लाठी भी रखते हैं। ये मुनि जी की जेहादी हत्या है। इस मौके पर पंकज जैन सर्राफा, अक्षत जैन सर्राफ, आलोक जैन, प्रमोद जैन, सुशील जैन सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।