No loan, no plant
कूड़ा निस्तारण योजना पर मंडराया खतरा
- कंपनी ने कहा प्लांट लगाने के लिए नहीं है अभी पैसा
- एलईडी और डस्टबिन पर भी निगम की मुहर
मेरठ। कूड़ा निस्तारण प्लांट अभी दूर की कौड़ी है। सोलापुर की कंपनी ने पैसे का इंतजाम न होने की बात कही, जिस पर नगर निगम के पार्षद भड़क उठे। पार्षदों ने कंपनी से अनुबंध तक तोड़ने की बात कह दी। शनिवार को नगर निगम के टाउन हॉल में बोर्ड बैठक की गई।
कंपनी ने दिया प्रजेंटेशन
महापौर हरिकांत अहलूवालिया की अध्यक्षता में निगम की बोर्ड बैठक में सबसे पहले सोलापुर बायो एनर्जी के डायरेक्टर अशोक कपूर ने कूड़ा निस्तारण प्लांट का प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा पांच माह से प्लांट पर कार्य चल रहा है। केंद्र व राज्य सरकार पत्रावली भेज दी गई है। बताया कि पूर्व में कंपनी कूड़ा निस्तारण प्लांट में बिजली उत्पादन करने की योजना थी। लेकिन ऊर्जा मंत्री ने बिजली बनाने के प्रस्ताव को न करने की बात कही। इसीलिए अब कंपनी बायो गैस बनाएगी और सीएनजी पंपों पर बेचेगी। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने बताया कि बैंकों ने अभी लोन देने से मना कर दिया है। कुछ अन्य बैंकों से बात चल रही है।
सितंबर तक लगेंगी शहर में एलईडी
ईईएसएल के प्रतिनिधि ने बताया कि 29 सितंबर तक शहर में 42 हजार एलईडी लगा दी जाएंगी। शहर के 90 वाडरें का सर्वे लगातार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बेगमपुल से मेडिकल तक करीब 500 एलईडी लगा दी गई हैं। एलईडी लगने से निगम को सात वर्ष में 80 करोड़ रुपये की बचत होगी।
शतरें पर बंटेंगे डस्टबिन
डोर टू डोर कूड़ा उठाने की योजना के अंतर्गत शहर के करीब ढाई लाख घरों में दो-दो डस्टबिन वितरित किए जाएंगे। एक डस्टबिन की कीमत करीब 42 से 45 रुपये का है। ढाई लाख घरों के लिए पांच लाख डस्टबिन चाहिए। इसके लिए कुल खर्च सवा दो करोड़ रुपये आएगा। इतना खर्च करने के मूड में नगर निगम नहीं है। इसीलिए डस्टबिन वितरण के साथ-साथ रसीद काटी जाएंगी। इनमें जो व्यक्ति 90 रुपये में डस्टबिन खरीदना चाहे तो खरीद सकता है यदि नहीं खरीदेगा तो उसे निशुल्क डस्टबिन दिए जाएंगे।
नगरायुक्त मनोज कुमार चौहान के मुताबिक जो व्यक्ति शहर में 100 मीटर से अधिक भवन में रह रहे हैं उन्हें डस्टबिन खरीदने के लिए प्रेरित करना होगा और गरीब लोगों को मुफ्त में डस्टबिन दिए जाएंगे।
वेतन पर बैठाई जांच
उत्तर प्रदेश सफाई कर्मचारी संघ ने टाउन हॉल में अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्हें चर्चा कर मांग पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया। सफाई कर्मचारियों की मांग उठाते हुए पार्षद पंकज कतीरा ने कहा कि तीन वषरें से संविदा कर्मचारियों के वेतन से 300-300 रुपये की कटौती की जा रही है। लेकिन 300 रुपये किस खाते में जाते हैं पता नहीं। इस पर एफसी मुईनुद्दीन ने बताया कि टेंडर के अनुसार 300 रुपये काटे जाते हैं और उनके ईएसआई के खाते में डाल दिए जाते हैं। नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान ने इसके लिए अपर नगरायुक्त के नेतृत्व में एक टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए।
शहर में बढ़ाएगा कर
1991 में अब तक जलकर, गृहकर और संपत्तिकर में कोई इजाफा नहीं हुआ है। इसीलिए इस वर्ष उक्त तीनों करों में वृद्धि की जाएगी। प्रदेश सरकार के जीओ के अनुसार प्रत्येक दो वषरें में जलकर, गृहकर और संपत्ति कर बढाया जाएगा।
जलकल की समस्याओं पर हंगामा
बोर्ड बैठक में पार्षदों ने जलकल विभाग की समस्याओं से नगर आयुक्त को अवगत कराया हुए कहा कि वाडरें में जलकर लगा है। कई स्थानों पर पाइप लाइन टूटी हुई है। जिसको अनेक बार शिकायत करने के बाद भी ठीक नहीं किया जा रहा है। इस पर नगर आयुक्त ने तीन दिन के अंदर सभी शिकायतों का निस्तारण करने के आदेश दिए। वहीं बेगमपुल चौक का नाम परिवर्तन करके भारत माता चौक रखने की बात भी पार्षदों ने उठाई।
पूर्व सैनिकों से टैक्स न लेने पर रजामंदी
बैठक में पूर्व सैनिक व शहीदों के परिवार से हाउस टैक्स न लिए जाने पर रजामंदी हुई। पार्षदों की सहमति पर महापौर ने प्रस्ताव को पास करते हुए नगरायुक्त को इस संबंध में शासन से अनुमति लेने के निर्देश दिए। भूतपूर्व सैनिक संगठन के जितेंद्र अहलावत, त्रिलोक सिरोही, सूबेदार किशनपाल सिंह, ओमवीर तोमर, एसपी तोमर आदि रिटायर्ड आर्मी मैन ने हाउस टैक्स में रियायत के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने पर हर्ष व्यक्त किया है।