बाबू जी धीरे चलना, गड्ढों में जरा संभलना
- सिटी स्कैन
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- बारिश में सड़कें बन जाती हैं तालाब
- राहगीरों को आवागमन में होती है परेशानी
मेरठ। सीएम के निर्देशों के बावजूद भी शहर भर की सड़कों को अभी तक भी ठीक नहीं करवाया जा सका है। आलम यह है कि यहां आने-जाने वालों को समझ नहीं आ रहा कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है। बड़ी बात यह है कई इंच बड़े गड्ढे यहां लोगों के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। बारिश के मौसम में राहगीरों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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यह है स्थिति
शहर की मुख्य सड़कों के अलावा मोहल्लों की सड़कों का भी बुरा हाल है। कई जगह सड़कें टूटी हुई हैं तो कहीं सड़कें ही नहीं हैं। बारिश का मौसम आ चुका है और थोड़ी सी बारिश में ही शहर की मुख्य सड़कें तालाब बन जाती हैं। वार्डो में तो हालत यह है कि यहां लोगों के घरों तक में पानी भर जाता है। बड़े-बड़े गड्ढे अक्सर दुर्घटना का सबब बन जाता है। टूटी-फूटी सड़क होने से आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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मुख्य समस्या
-सड़कें बनती ही नहीं हैं अगर बन भी जाती हैं तो एक दिन में ही उखड़ने लगती हैं।
- टूटी हुई सड़कों चलने में काफी दिक्कत होती है।
- इंटरलॉकिंग वाली सड़क कुछ ही दिनों में उखड़ने लगती है.
- बारिश में सड़कों पर पानी भर जाता है।
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रेटिंग
वार्ड 1 से 20
रेटिंग- 4
वार्ड 21 से 40
रेटिंग- 5
वार्ड 41 से 60
रेटिंग- 2
वार्ड 61 से 80
रेटिंग-3
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सड़कों का हाल तो पूछिए मत। जगह-जगह गड्ढे हैं। कई बार एक्सीडेंट हो जाते हैं।
-अजीम अब्बास
सड़कों का हाल बुहत बुरा है। जगह-जगह पानी भर जाता है। सड़कें तालाब बन जाती है।
-रेनू कौशिक
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सड़कों पर जगह-जगह कीचड़ जमा रहता है। टूटी-फूटी सड़कों पर निकलना मुहाल है।
-गौरव सिरोही
मौहल्लों की सड़कों का बुरा हाल है। यहां न तो इनकी मरम्मत होती न इन्हें पक्का किया जाता है। ऐसी सडकों पर निकलना भी मुश्किल होता है।
-संजय शर्मा