मेरठ ब्यूरो। नगर निगम में शामिल होने के बाद भी आवास विकास की कई पुरानी कॉलोनियों की हालत आज भी बदतर बनी हुई है। हालत यह है कि नगर निगम की ओर से कॉलोनियों में अब तक सड़क निर्माण नहीं कराया गया है। दूसरी तरफ बात यह है कि नियमित रूप से नगर निगम हाउस टैक्स, सीवर टैक्स जैसे टैक्स हर घर से वसूलता है। कुछ ऐसा ही हाल जागृति विहार सेक्टर-2 का है, जहां पिछले 10 साल से सेक्टर के अंदर की गलियों का निर्माण नहीं हुआ है। गलियों की सड़कें इस कदर टूट चुकी है कि उनमें जगह जगह गड्ढे और रोडिय़ां बिखरी हुई है। अपनी कालोनी की इस समस्या को स्थानीय नागरिक किशोर मठपाल ने सोशल मीडिया के जरिए ट््वीट कर दिखाने का प्रयास किया है।
अमृत पार्क बना, सड़क बनाना भूले
गौरतलब है कि जागृति विहार सेक्टर दो की गलियों में सड़कों का आखिरी बार निर्माण साल 2012 में हुआ था उसके बाद से लगातार गलियों की सड़कें केवल प्रस्ताव और योजनाओं तक सीमित है। सेक्टर दो में बने अमृत पार्क के आसपास की गलियों की स्थिति बेहद खराब है। जबकि यह अमृत पार्क शासन की प्राथमिकता की योजना में शामिल है। टूटी सड़कों के कारण आए दिन स्थानीय लोग बच्चे दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं सड़क पर बिखरी रोडियां हादसों का कारण बन रही है। सड़क पर गड्ढे बरसात में जलभराव का कारण बन रहे हैं। लेकिन दो सभासदों का कार्यकाल बीतने के बाद भी सेक्टर की गलियों मेें सड़क नही बन सकी है।
योजना तक सीमित काम
गत वर्ष सितंबर माह में 15वें वित्त आयोग की मद से करीब 24.35 करोड़ से सड़क निर्माण, मरम्मत व इंटरलाकिंग टाइल्स के काम के टेंडर नगर निगम ने फाइनल किए थे। इसके तहत शहर में सड़कों के निर्माण का काम तो किया गया लेकिन वह काम केवल मेन रोड तक सीमित रहा। वार्ड की गलियों के अंदर काम तक नही हुआ। हालांकि इससे पहले दो साल पहले भी जून 2021 में भी करीब 12 करोड़ से सड़कें व ग्रीन बेल्ट का काम प्रस्तावित किया गया था। जिसमें शहर के 90 वार्डों के पार्षदों से उनके वार्डों में खराब सड़कों व गलियों की सूची मांगी गई थी और इस सूची के आधार पर करीब 126 गलियों और 29 सड़कों को नवीनीकरण के चयनित किया गया था। लेकिन यह काम भी केवल कुछ ही वार्डों की मेन रोड या गलियों तक सीमित रहा अधिकतर वार्ड इस बजट के लाभ से अछूते रह गए।

हमारे वार्ड की सड़कों के निर्माण को करीब 10 साल हो चुके हैं। इसके बाद आज तक सड़क निर्माण का काम नही हो सका है। लगातार निगम से मांग करने के बाद भी अनदेखी जारी है।
- किशोर मठपाल

सड़क की हालत के बारें में कई बार निगम में लिखित व ऑनलाइन माध्यम से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक किसी अधिकारी या विभाग द्वारा इस समस्या पर जानकारी तक नही ली गई है।
- डा यश सिंह

हमने कई बार मांग की लेकिन पार्षद स्तर से कभी इस सड़क को बनाने की कोशिश तक नही की गई।
- पवन कुमार शर्मा

इस रोड के सुधार के लिए कई बार निगम से मांग कर चुके हैं। लेकिन आज तक हमारे वार्ड की सड़कों के लिए निगम द्वारा ना तो सर्वे किया गया और ना ही किसी प्रकार के बजट की हमें जानकारी दी गई।
- राम सिंह जाखड़