मेरठ ब्यूरो। पतली कमर की चाहत में युवतियां क्या कुछ नहीं करती हैं। जिम, एक्सरसाइज, डाइटिंग हर जतन कर अपनी कमर को छरहरी रखना चाहती हैं लेकिन, मेरठ में आधी आबादी की कमर पर बढ़ी चर्बी ही उनके लिए खतरे की घंटी बजा रही है। नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक जिले में 53.1 प्रतिशत महिलाओं का कमर टू हिप रेश्यो तय मानकों से बढ़ा हुआ मिला है। यानी तकरीबन हर दूसरी महिला की कमर चौड़ी है। विशेषज्ञों के मुताबिक ये स्थिति काफी चिंताजनक है।
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ये होता है कमर टू हिप रेश्यो
बीएमआई की तरह व्यक्ति में मोटापे को नापने का एक मानक वेस्ट टू हिप रेश्यो होता है। डॉक्टर्स बीमारियों का अनुमान लेने के लिए इसे काफी सटीक मानते हैं। किसी भी व्यक्ति के हिप और वेस्ट की परिधि को नापकर उसका एवरेज निकाला जाता है। इसका रेश्यो तय मानकों से बढऩे पर गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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ये हैं तय मानक
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक महिलाओं में वेस्ट टू हिप रेश्यो 0.85 और पुरुषों में 0. 90 तक होना चाहिए। अगर दोनों में ये 1.0 तक पहुंच जाता है तब इसे सेहत के लिए खतरे की घंटी समझना चाहिए। कमर में अधिक वजन असमय मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
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शहरी महिलाओं की स्थिति चिंताजनक
रिपोर्ट के मुताबिक शहरों में रहने वाली महिलाओं में ये समस्याएं काफी गंभीर है। यूपी में शहरी क्षेत्र की 61.7 फीसदी आबादी में ये संतुलन बिगड़ा हुआ है। वहीं ग्रामीण इलाकों की ये आंकड़ा 55.2 फ़ीसदी है। डॉक्टर्स बताते हैं कि महिलाओं में कूल्हे से अधिक मोटी कमर दिल की बीमारियों का खतरा अधिक पैदा करती है।
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ये हैं कारण
एक्सपट्र्स के मुताबिक महिलाओं की जीवन शैली में काफी बदलाव आ गया है। अधिकतर काम अब मशीनों पर निर्भर है। फिजिकल वर्कआउट लगभग न के बराबर है। घर हो या ऑफिस एक ही जगह पर देर तक बैठे रहने इसका सबसे बड़ा कारण है। जंक फूड का अधिक सेवन, खराब लाइफस्टाल, नाइट लाइफ ने इस तरह की समस्याओं को बढ़ावा दिया है। वहीं सेहत के प्रति महिलाओं की अनदेखी और लापरवाही भरा रवैया भी बड़ी वजह है।
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यह है खतरा
डॉक्टर्स बताते हैं कि वेस्ट टू हिप रेश्यो इम्बैलेंस होने पर हार्ट अटैक, कार्डिक अरेस्ट, हार्ट में ब्लॉकेज, स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। वहीं डायबिटीज टाइप-2 , प्रग्नेंसी में समस्याएं, कंसीव करने में परेशानी भी देखी जाती है।
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जिला- महिलाओं की आबादी प्रतिशत में
आगरा में- 58.6 प्रतिशत
गोरखपुर में- 63.9 प्रतिशत
कानपुर देहात- 62.1 प्रतिशत
कानपुर सिटी- 70.1 प्रतिशत
बरेली- 51.9 प्रतिशत
लखनऊ- 50.4 प्रतिशत
प्रयागराज- 48.4 प्रतिशत
वाराणासी- 67.1 प्रतिशत
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स्टेट------प्रतिशत
उत्तराखंड - 62.9 प्रतिशत
झारखंड- 58.7 प्रतिशत
बिहार- 60.3 प्रतिशत
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इनका है कहना
महिलाएं खुद की सेहत का ध्यान नहीं रखती हैं। वेस्ट टू हिप रेश्यो अगर बढ़ जाता है तो प्रेंग्नेसी में कई कॉम्पिलकेशन आ सकते हैं। कंसीव न कर पाने का एक बड़ा कारण भी अब यह बन रहा है।
डा। मनीषा त्यागी, वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ

वेस्ट टू हिप रेश्यो बढ़ा हुआ होना खतरनाक हो सकता है। इसे कई बीमारियों का संकेत माना जाता है। खासतौर से हार्ट संबंधित बीमारियों का खतरा इससे अधिक होता है।
डा। अरविंद कुमार, एचओडी मेडिसिन, मेडिकल कॉलेज मेरठ

महिलाएं एक्सरसाइज बहुत कम करती हैं। नई जीवन शैली में फिजिकल एक्टिविटी भी कम हैं। जिससे कमर में चर्बी जमा हो जाती है। ये कई बीमारियों की वजह है।
डा। अनिल नौसरान, एमडी