- 15 अगस्त के बाद जुवेनाइल सेल में होंगे वोकेशनल एक्टिविटी
- बच्चों की जिंदगी पटरी पर लाने की जा रही कोशिश
Meerut : जुवेनाइल सेल में सजा काट रहे बच्चों की जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए शुरुआत होने जा रही है, जिला प्रोबेशन अधिकारी और गांधी अध्ययन मिलकर इस पर काम करने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि यहां से निकलने के बाद वो अपनी जिंदगी ठीक से गुजार सकें। गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से मेरठ के जुवेनाइल सेल के हालात कुछ ठीक नहीं रहे हैं, जिसके बाद यहां से 72 बाल बंदियों को नोएडा शिफ्ट कर दिया गया था। इसके बाद अधिकारियों को थोड़ी मिली।
गांधी अध्ययन केंद्र जुड़ेगा
डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि हम बच्चों की लाइफ को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। इस कड़ी में बच्चों को वोकेशनल ट्रेनिंग देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए इस्माईल कॉलेज की प्रवक्ता और गांधी अध्ययन केंद्र की निदेशिका शिवाली अग्रवाल सामने आई हैं। पुष्पेंद्र सिंह के अनुसार इस पर 15 अगस्त से काम शुरू किया जाएगा, क्योंकि अब जुवेनाइल सेल की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है और आने वाले समय और भी सुधार होने की उम्मीद है।
सिखाए जाएंगे वोकेशनल कोर्स
गांधी अध्ययन केंद्र की निदेशिका शिवाली अग्रवाल ने बताया कि हमारी ओर से ये प्रपोजल जुलाई में गया था। डीएम और बाकी अधिकारियों से मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन सेल में बिगड़े हालातों को देखकर इसे ड्रॉप करना पड़ा था। हम बच्चों को 12 दिनों का वर्कशॉप प्रोवाइड कराएंगे, जिसके अंतर्गत बच्चों को स्क्रीन पेंटिंग, म्यूजिक, स्पोर्ट्स गुड्स, हैंडीक्राफ्ट, खादी के सामान, जूट के बैग और टोकरी बनाने जैसी चीजों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
आई नेक्स्ट ने दिया था सुझाव
बता दें कि आई नेक्स्ट ने 26 अप्रैल को बाल सदन एवं सप्रेक्षण गृह पर काम करेंगी शहर की बेटियां हेडिंग के साथ एक खबर भी छापी थी। इस प्रोजेक्ट पर आई नेक्स्ट ने ही काम करने की सलाह दी थी। प्रोजेक्ट के तहत कॉलेज के गांधी अध्ययन केंद्र ने इस पर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की थी। अब जाकर उस पर काम होने जा रहा है।
बच्चों की लाइफ को पटरी पर लाना काफी जरूरी है। इसलिए उन्हें बाहर जाने से पहले वोकेशनल कोर्स कराने की तैयारी की जा रही है। इसमें इस्माईल कॉलेज हमारे साथ सहयोग करने जा रहा है।
- पुष्पेंद्र सिंह, डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर, मेरठ
हमारी ओर से जुलाई में इस पर एडमिनिस्ट्रेशन को प्रपोजल दिया गया था। अप्रूवल भी मिल गया था, लेकिन सेल के हालात खराब हो जाने के बाद डिले करना पड़ा था। हमारी वर्कशॉप 12 दिनों तक रहेगी।
- शिवाली अग्रवाल, प्रवक्ता, इस्माईल डिग्री कॉलेज