कंकरखेड़ा के खड़ौली गांव की घटना, गांव में विभिन्न समस्याओं का समाधान न होने के विरोध में टंकी पर चढ़ा ग्रामीण

एडीएम, अपर नगरायुक्त व इंस्पेक्टर ने पहुंचकर दिया समस्याओं के समाधान का आश्वासन, तब जाकर उतारा नीचे

Meerut। कंकरखेड़ा के खड़ौली गांव में शनिवार को एक ग्रामीण पानी की टंकी के ऊपर चढ़ गया। गांव में विभिन्न प्रकार के विकास कार्य न होने के विरोध में टंकी पर चढ़ा ग्रामीण कूदकर आत्महत्या करने की धमकी देने लगा, जिसे नीचे खड़े अन्य लोगों ने समझाकर शांत किया। एडीएम सिटी, अपर नगरायुक्त और इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे, जिन्होंने विकास कार्य की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीण को कई लोग नीचे उतारकर लाए।

पानी की टंकी पर चढ़ा

खड़ौली के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में करीब 15 सालों से पानी की टंकी है, मगर आज तक उसमें पानी की सप्लाई तक नहीं हुई। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा गांव का तालाब कूड़े से अटा होने के चलते बरसात में गंदा पानी मोहल्लों में जलभराव बन जाता है। सरकारी स्कूल में चारदीवारी व गेट तक नहीं है। शौचालय भी खंडहर में तब्दील हो चुका है। घरों में लगे बिजली के मीटरों की तेज री¨डग हो रही है। विभिन्न समस्याओं को दूर करने की मांगों को लेकर कई दिनों से गांव निवासी पांडव सेना के अध्यक्ष अश्वनी भान के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक ग्रामीण धरने पर बैठे थे। मगर, एक भी जनप्रतिधि अथवा अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर सुध नहीं ली। वहीं शनिवार को अश्वनी पानी की टंकी पर चढ़ गया, जहां ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। भाजपा नेता दुष्यंत रोहटा, डॉ। विजय कश्यप, विनोद कश्यप, रामभूल, सूरज, राजकुमार, रमेश, अशोक, नरेश आदि ने पहुंचकर अश्वनी को टंकी से उतरने को कहा, मगर उसने मांग पूरी न होने पर कूदकर आत्महत्या करने की बात कही। दुष्यंत रोहटा ने फोन कर डीएम को प्रकरण बताया। जिसके बाद एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारी, अपर नगरायुक्त, सहायक नगरायुक्त समेत इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने प्रकरण जानने के बाद स्कूल, शौचालय, स्वास्थ्य केंद्र तालाब आदि जगहों का निरीक्षण कर समस्याओं को जल्द दूर कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद अश्वनी को टंकी से नीचे उतारा गया। अश्वनी ने एडीएम सिटी को ज्ञापन भी सौंपा।

किया जा रहा गुमराह

स्थानीय पार्षद रेनू सैनी का कहना है कि पानी की टंकी के लिए पहले ही बजट पास हो गया था, जिसकी जानकारी धरने पर बैठे लोगों को भी थी। मगर कुछ लोगों ने उनको गुमराह कर धरना शुरू कराया, जिसकी वजह से दिनभर प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस और ग्रामीण परेशान रहे।