मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएस यूनिवर्सिटी और ग्राम पाठशाला एनजीओ के बीच के एमओयू साइन किया गया है। 5 साल में तकरीबन 100 गांवों मेंं यूनिवर्सिटी की ओर से लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसके अलावा सोशल एक्टिविटी, पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधन, शोध एवं सेमिनार आदि क्षेत्रों में दोनों संस्थाएं कार्य करेंगी। वहीं, शिक्षा के प्रति जागरुकता, जल संरक्षण, कृषि स्वास्थ्य आदि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
एनजीओ कर रही पहल
दरअसल, ग्राम पाठशाला एनजीओ देश के गांवों में लाइब्रेरी बनाने की पहल कर रही है। यही नहीं, शिक्षित युवाओं को बुक डोनेट करने के लिए प्रेरित भी कर रही है। ऐसे में अब यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर संस्था वेस्ट यूपी के गांवों में भी अभियान चलाएगी। इस कार्यक्रम के कोर्डिनेटर प्रो। वीरपाल सिंह ने बताया कि यह संस्था गांव-गांव में जाकर एजुकेटेड लोगों को खोजेगी। उन्हें मोटिवेट करेगी, ताकि वो गांव में लाइब्रेरी संचालित कर सकें। या फिर उसी गांव में कोई लाइब्रेरी बंद पड़ी हो उसको यूज किया जाता है। वहीं के बच्चों को युवाओं को उस जगह आकर पढऩे के लिए जागरूक किया जाता है।
350 गांव में बना चुके लाइब्रेरी
वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने बताया कि यह संस्था सात राज्यों के 350 गांव में पुस्तकालय स्थापित कर चुकी है। यूनिवर्सिटी का इसमें लक्ष्य रहेगा कि ग्रामीण वासियों की सहायता से आगामी छह माह में विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में 100 पुस्तकालय स्थापित करेंंगे, ग्राम पाठशाला के साथ मिलकर उसी माडल पर कार्य करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में पुस्तकालय स्थापित कराएंगे। जिस भी गांव में यह लाइब्रेरी होती है वहां इस कार्य की देखरेख आसपास के लोग जो रिटायर्ड हो या सेवा भाव से काम करना चाहे वो इनकों देखते है।
100 पुस्तकालय बनाएंगे
इस संबंध में वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने बताया कि ग्राम पाठशाला के साथ यूनिवर्सिटी अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन तो करेगा ही, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे युवा वर्ग को पुस्तकालय में जाकर पठन-पाठन के वातावरण से जोड़कर उनके करियर को उनकी रूचि एवं प्रतिभा के अनुरूप नई दिशा देगा। उन्होंने कहा सप्ताह के अंत में सेवाएं देकर आगे बढ़ाएंगे।
मिलेंगी कई सुविधाएं
ग्राम पाठशाला के प्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ। लाल बहार ने कहा कि पिछले दो वर्षों में देश के सात राज्यों में 350 पुस्तकालय ग्रामीण वासियों की सहायता से बनाए हैं। इन पुस्तकालयों में सभी आधुनिक सुविधाएं जैसे इंटरनेट युक्त कंप्यूटर, अद्यतन पुस्तकें, सीसीटीवी कैमरे, एसी इत्यादि जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पाठशाला संस्था में सभी लोग नौकरी पेशा है और शनिवार व रविवार को विभिन्न गांवो में जाकर इस प्रकार के कार्य करते हैं।
डोनेट कर सकेंगे बुक्स
इसके तहत नर्सरी से लेकर इंटर तक की कोई भी बुक, सामाजिक मुद्दों से संबंधित, प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित, जागरूकता की बुक्स, नैतिक कहानियों की, कॉमेक्स, दार्शनिक, किसी भी प्रकार की बुक्स दे सकते हैं।
सभी से मांगी पुस्तकें
यूनिवर्सिटी ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को घर में रखी किताबें मुहैया कराने का आग्रह किया है। कुलसचिव ने इस बाबत सभी विभागों में कार्यरत हर स्तर के लोगों से घरों में रखी हुई ऐसी किताबें जो छात्र-छात्राओं, युवाओं और बुजुर्गों के पठन-पाठन में काम आ सकती हैं, उन्हें सर छोटू राम इंस्टिट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के निदेशक डॉ। नीरज सिंघल के पास एकत्र कराने को कहा है। वेस्ट यूपी के बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, मेरठ इन जिलों के गांवों में लाइब्रेरी बनेगी।