मेरठ (ब्यूरो)। जीत या हार का महत्व नहीं है, प्रतियोगिता में भाग लेना बडी बात है। प्रत्येक प्रतियोगिता से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। प्रतियोगिताओं में भाग लेने से हमें अपने अंदर छिपी प्रतिभा का ज्ञान होता है। छात्र जीवन में सीखने की अपार संभावनाएं होती हैं। इसीलिए कभी जीत या हार से निराश नहीं होना चाहिए। यह बात सीसीएसयू की कुलपति प्रो। संगीता शुक्ला ने कही। वे तीन दिवसीय दीक्षोत्सव के समापन के अवसर पर छात्रों को संबोधित कर रहीं थीं।
प्रतियोगिता का दिया सुझाव
कुलपति प्रो। संगीता शुक्ला ने दीक्षोत्सव की प्रशंसा की। उन्होंने भविष्य में स्टूडेंट्स के साथ साथ शिक्षकों की भी प्रतियोगिता कराने का सुझाव दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ आचार्य प्रो। वाई विमला ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम संयोजिका प्रो। जयमाला तथा प्रो। आराधना व सविता मित्तल ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान निर्णायक मंडल में डॉ। शैल, डॉ। नेहा, डॉ। सीमा समर आदि रहे।
विजेताओं के चेहरे खिले
प्रतियोगिता में कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर खुशी गोस्वामी विधि अध्ययन विभाग से, द्वितीय स्थान पर आरवी रसायन विज्ञान विभाग से, तृतीय स्थान प्राची संस्कृत विभाग से रही। गायन प्रतियोगिता में प्रशांत, अनुज कुमार एवं विवेक कुमार ने बेहतर किया। वहीं लघु नाटिका में जैनब खान, संघर्ष से जन्मी महिला के संघर्षपूर्ण जीवन पर मार्मिक प्रस्तुति दे पुरस्कार जीता। वहीं तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के स्टूडेंट्स द्वारा महिला के अबला और सबल रूप की प्रस्तुति ने खूब तालियां बटोरी व पुरस्कार भी जीता। वहीं गणित विभाग की स्टूडेंट्स ने आशाएं गीत पर सुमधुर प्रस्तुति दी। बीबीए की ईशिका ने महिषासुर मर्दनी पर प्रस्तुति दे सबका का मन मोह लिया।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर डॉ। केके शर्मा, डॉ। जमाल अहमद सिद्दीकी, डॉ। राहुल शर्मा, प्रो। प्रशांत कुमार, डॉ। विवेक त्यागी, डॉ। आशीष कौशिक, डॉ। अजय शुक्ला, डॉ। दिलशाद, डॉ। दिनेश, डॉ। स्वाति, डॉ। वंदना, इंजीनियर लक्ष्मी शंकर, इंजीनियर मिलन, डॉ। पंकज, डॉ। केपी सिंह, डॉ। मानव, डॉ। रानू, इंजीनियर प्रवीण पवार, अभियंता मनीष मिश्रा, मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि का विशेष सहयोग रहा।