मेरठ (ब्यूरो)। वेरिफिकेशन के लिए कैंट बोर्ड, जिला प्रशासन और आर्मी के साथ मिलकर रक्षा संपदा विभाग इस दिशा में कार्य करेगा। इस संबंध में रक्षा संपदा अधिकारी व सीईओ ने मिलकर फैसला लिया है। कैंट के करीब 200 बंगलें हैं। उनमें कौन रहता है। किसके नाम से लीज है। इसकी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके लिए वेरिफिकेशन होगा।
ठीक कराया जाएगा जीएलआर
सीईओ ज्योति कुमार ने बताया कि बंगलों में म्यूटेशन संबंधित मामले भी लंबित हैं। उनको भी प्राथमिकता के तौर पर निपटाया जाएगा। जिससे जीएलआर (जरनल लैैंड रजिस्टर्ड) की एंट्री को ठीक कराया जा सके और एचओआर (हेड ऑफ रेजिडेंट) के नाम पर प्रॉपर्टी दर्ज कराई जा सके।

लेनी होगी एनओसी
सीईओ ज्योति कुमार ने बताया कि बंगलों में निर्माण करने से पहले कैंट एक्ट के प्रावधानों के अनुसार नक्शा पास कराना अनिवार्य होगा। ऐसे मामलों में डीईओ कार्यालय से एनओसी प्राथमिकता पर दी जाएगी।

अब नहीं देते लीज पर
हाइकोर्ट के आदेश के मुताबिक साल 2016 के बाद से कैंट में लीज पर मकान देने की प्रक्रिया खत्म हो गई है। पुराने लीज को ही रिन्युअल किया जा रहा है।

दो हजार रह रहे हैं परिवार
कैंट में 300 करीब बंगलों में दो हजार परिवार रह रहे हैं। इनमें दो सौ बंगलों की जांच होगी। वहां पर देखा जाएगा कि यहां कौन रह रहा है अगर लीज पर कोई रह रहा है तो वो वाकई ही लीज पर है या फिर किसी अन्य के नाम पर वो रह रहा है। अगर वो लीज पर है और उसका रीन्यू होना है तो वो करवाया जाएगा और जब तक रिन्यू नहीं करवाया तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। जो कि डिपेंड करता है लोकेशन व वर्गमीटर के अनुसार, वहीं अगर कोई सिविल एरिया में बंगलों में अवैध कब्जा करके रह रहा है तो ऐसे मामले में मकान मालिक को कोर्ट केस करना होगा कोर्ट के आर्डर के अनुसार ही कैंट को कार्रवाई करने का अधिकार होता है, या तो सील किया जाएगा या फिर जो कोर्ट का आर्डर होगा। वहीं अगर आउटर एरिया में अवैध रुप से रह रहा है तो ऐसे में रक्षा मंत्रालय के बीईओ को इसपर पीपीई एक्ट 1971 के तहत गिराने व सील करने का अधिकार है। बीईओ हरेंद्र कुमार के अनुसार इस तरह की शिकायतें आती रही हैं, इन्हीं सबको देखते हुए बंगलों का सत्यापन व अवैध कब्जेदारों पर कार्रवाई का अभियान शुरू किया जाएगा जो जल्द ही किया जाना है।

पहले हो चुकी कार्रवाई
- 14 अक्टूबर 2022 में कैंट ने 22 बी बंगले में एक होटल के अवैध निर्माण पर सील लगाई थी।

- 10 से 20 सितम्बर के बीच अवैध बंगलों के सत्यापन का अभियान चलाया गया था।

- 25 अगस्त को कैंट में बंगला नम्बर 210 में 62 कोठियां 48 घंटे में खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था। इनको पहले नोटिस देने के बाद मुनादी कराई गई थी।

- मई में और मार्च 2022 में भी अवैध बंगलों व कब्जेदारों का सत्यापन शुरू किया गया था। उस समय कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई थी।

- हर साल ही बोर्ड द्वारा दो से तीन बार सत्यापन, अवैध निर्माण व कब्जों पर अभियान चलाए जाते रहे हैं।


अवैध बंगलों का सत्यापन किया जाएगा इसको लेकर रक्षा मंत्रालय में पहले भी व्यापारियों ने शिकायतें की है। कैंट में सुरक्षा का सवाल है, लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
अमित बंसल, महामंत्री सदर व्यापार मंडल

अवैध बंगले रसूखदारों के है ऐसे में इन रसूखदारों पर किसी तरह की कार्रवाई बोर्ड कर ही नहीं पाता है, केवल इनका काम कहना है, पहले भी व्यापारियों ने यह मुद्दा उठाया था।
सरदार नरेंद्र, अध्यक्ष, बेगमपुल व्यापार संघ

कैंट की कार्रवाई होना बहुत जरूरी है। अवैध निर्माण को लेकर कई बार शिकायतें की, लेकिन आज तक सही से कार्रवाई नहीं हुई।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ

अवैध निर्माण को लेकर कैंट सख्ती कर रहा है। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।कैंट में कुछ गतिविधियों को देखते हुए ही व्यापारियों ने सत्यापन करने व रहने वालों की जानकारी लेने का मुद्दा उठाया था।
सुनील दुआ, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ