मेरठ,(ब्यूरो)। दरअसल, कोविड के कारण पिछले साल उपजी परिस्थितियों को देखते हुए ही परिषद की ओर से यह एहतियात बरती जा रही है। इसके लिए बोर्ड ने सभी स्कूलों को पहले से ही एग्जाम के साथ ही अंकों को अपलोड करने के लिए निर्देश दिए हैं, जिसमें स्कूल लापरवाही कर रहे हैं, उन्होनें अभी तक छमाही के अंक अपलोड नही किए हैं।
हर परिस्थिति के लिए रहें तैयार
यूपी बोर्ड मुख्यालय ने सभी अंक संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपलोड करवाए हैं, इसके अलावा छमाही परीक्षा के बाद वार्षिक परीक्षा के अंकों का मिलान करने पर छात्र की शैक्षणिक प्रगति का अंदाजा भी लगाया जा सकेगा, लेकिन स्कूलों ने पिछले साल की ही तरह इस साल भी अपलोड किए जा रहे अंकों में बढ़ाकर अंक चढ़ाए जा रहे हैं, जो देखने में आ रहा है, वहीं करीब 400 स्कूलों में से 100 ही स्कूल्स है जिन्होंने अभी तक छमाही के अंकों को अपलोड किया है, बाकी ने नहीं किया है।
एक हफ्ते का समय
अब बोर्ड ने स्कूलों को एक सप्ताह का समय दिया है नंबर्स अपलोड करने के लिए। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अगर किसी स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है या फिर किसी को कोई दिक्कत होती है तो उसके लिए संबंधित स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। अगर किसी स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है तो सख्ती बरती जाएगी।
- गिरजेश कुमार, डीआईओएस