मेरठ ब्यूरो। बीएड कॉलेजों में गुरुजी गोलमाल कर रहे हैं। ऐसा गोलमाल, जिसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। जी हां, सीसीएसयू से संबद्ध कॉलेजों के बीएड कॉलेजों में टीचर्स खूब फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे न सिर्फ नौकरी कर रहे हैं, बल्कि एक साथ दो-दो कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। अब सीसीएसयू के विजिलेंस डिपार्टमेंट में इसकी कंप्लेन पहुंच रही हैं। अभी तक ऐसे 350 शिक्षकों की शिकायतें आ चुकी हैं। अब इनकी जांच-पड़ताल चल रही है। फर्जीवाड़े का खेल
गौरतलब है कि बीएड कॉलेजों में कुछ टीचर फर्जी तरीके से पढ़ा रहे हैं। बीते कई महीनों से सीसीएसयू और उससे जुड़े कॉलेजों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति को लेकर शिकायतें आ रही थीं। इस बाबत कॉलेजों के टीचर्स, स्टूडेंट्स व सोशल एक्टिविस्ट व स्टूडेंट लीडर्स ने शिकायत की हैं। बीते छह महीनों से आ रही इन शिकायतों के आधार पर विजिलेंस जल्द ही जांच करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस ने इसको लेकर समिति भी गठित की कर ली है।
फर्जी कागज लगाए
शिकायतों के मुताबिक 34 बीएड कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें टीचर्स की नियुक्ति सिर्फ सेटिंग-गेटिंग के आधार पर की गई। इनमें कागज किसी और के और टीचर कोई अन्य पढ़ा रहे हैं। आरोप है कि फर्जी कागज लगाकर टीचर्स की नियुक्ति की गई है। यही नहीं, वे टीचर्स इन दिनों बीएड के छात्रों को पढ़ा भी रहे हैं।
कई-कई जगह नियुक्ति
कई कॉलेजों में टीचर्स की नियुक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। इनमें एक-एक टीचर्स की नियुक्ति कई कॉलेजों में दिखाई जा रही है। अब ऐसे टीचर्स के गोलमाल की जांच की जा रही है। इस मामले में करीब 200 टीचर्स की जांच होगी। इसके साथ ही सीसीएसयू से संबद्ध 97 कॉलेजों की भी जांच होगी। इस मामले में सीसीएसयू के आलाधिकारियों ने इसकी जांच विजिलेंस को सौंपी है।
सख्त कार्रवाई करेगी सीसीएसयू
सीसीएसयू ने बीएड कॉलेजों में टीचर्स की फर्जी नियुक्ति पर सख्ती शुरू की है। ऐसे में जल्द ही कॉलेजों के कागजातों का औचक सत्यापन करने का फैसला लिया है। बता दें कि यूनिवर्सिटी ने पहले भी शिक्षकों की सूची ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। अब हालत यह है कि एक हजार कॉलेजों में से सिर्फ 340 कॉलेजों ने ही सूची अपलोड की थी। अब बार-बार कहने के बाद भी शिक्षकों की सूची ऑनलाइन न करने पर यूनिवर्सिटी एक्शन लेगी। अब यूनिवर्सिटी की तीन सदस्यीय समिति किसी भी कॉलेज में औचक सत्यापन करेगी। कहा जा रहा है कि मई के आखिरी सप्ताह में जांच-पड़ताल शुरू होगी। जांच पर गोलमाल मिलने पर कॉलेजों की मान्यता रद्द की जाएगी।
बीएड के 400 से अधिक कॉलेज
मेरठ और सहारनपुर मंडल के जिलों में 400 से अधिक बीएड के कॉलेज हैं। कॉलेजों में शिकायत है कि छात्रों की संख्या के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई हैं। वेरिफिकेशन में लापरवाही के कारण कॉलेजों में यह गड़बड़झाला चल रहा है। अभी हाल में बीएड में सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षक बनाए जाने के दौरान भी योग्यतानुसार शिक्षकों की सही संख्या नहीं मिली थी।
अपलोड होगी लिस्ट
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बहुत समय से इन कॉलेजों को मौका दिया जा चुका है लेकिन अब सीधे कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऑनलाइन शिक्षकों की पूरी सूची भी जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड कराई जाएगी।
कुछ कॉलेजों की शिकायतें आई है। वहां पर फर्जी कागजात का प्रयोग करके टीचर्स कॉलेजों में जॉब कर रहे हैं, लेकिन ऐसी शिकायतों की जांच होने के बाद ही पता लगेगा कि वास्तव में कॉलेजों में गड़बड़ी चल रही है। कुछ ऐसी शिकायतें भी है जिनमें किसी अन्य के डॉक्यूमेंट पर कोई नौकरी कर रहा है। इसकी जांच कराई जाएगी, विजिलेंस को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार सीसीएसयू