मेरठ (ब्यूरो). विधानसभा चुनाव के चलते शहर के छोटे बड़े कॉमर्शियल वाहनों का सड़कों से गायब होना शुरू हो गया है। चुनाव ड्यूटी के लिए करीब पांच हजार से अधिक वाहनों को परिवहन विभाग द्वारा रिजर्व किया जा रहा है। इनमें सबसे अधिक टैक्सी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए प्रयोग होने वाली निजी और रोडवेज बसें शामिल हैं। ऐसे में अगले सात दिन तक शहर से बाहर सफर पर जाने वाले लोगों को कॉमर्शियल वाहनों की कमी से जूझना पड़ सकता है।
आरटीओ ने सूची की तैयार
दरअसल विधानसभा चुनाव के लिए 7 फरवरी से 12 फरवरी तक के लिए जनपद में कॉमर्शियल और निजी वाहनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया परिवहन विभाग द्वारा की जा रही है। इसके लिए करीब 5 हजार वाहनों की सूची आरटीओ ने तैयार की है। इन वाहनों के लिए 3500 से अधिक कॉमर्शियल और 2700 से अधिक निजी वाहनों को अधिग्रहण का नोटिस भेजा जा चुका है।
वाहनों की बढ़ी डिमांड
दरअसल गत सप्ताह तक वाहनों की यह डिमांड तीन हजार तक सीमित थी। जिसके अनुसार परिवहन विभाग ने वाहनों के अधिग्रहण की कवायद शुरू करते हुए नोटिस भेजना और वाहनों को एकत्र करना शुरू कर दिया था। लेकिन इस सप्ताह अचानक अतिरिक्त पुलिस बल के तहत पीएसी की 89 कंपनियां शहर में आ रही हैं। इस पुलिस बल के लिए परिवहन विभाग से 640 के करीब अतिरिक्त वाहनों की जरूरत पड़ गई है। साथ ही प्री पोल विजिट और पोस्टल बैलेट के मूवमेंट के लिए 150 से अधिक वाहनों की एक्सट्रा डिमांड बढ़ गई है।
निजी वाहनों की कमी
इस चुनावी मूवमेंट के लिए 700 से अधिक बसों और 3500 से अधिक कॉमर्शियल वाहनों को अधिग्रहण किया जा रहा है। इसमें 280 से अधिक रोडवेज बसें शामिल हैं। साथ ही जीप, कैब, सेवन सीटर गाडिय़ों को प्राथमिकता के तौर पर एकत्र किया जा रहा है। गाडिय़ों के अधिग्रहण से अगले सात दिन तक शहर में कैब व डेली ट्रांसपोर्ट के लिए प्रयोग होने वाले वाहनों की किल्लत रहेगी। खासतौर पर मेरठ से गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, गढ़, हापुड, शामली, बुढाना, बागपत जाने वाले दैनिक यात्रियों को इस कमी से परेशानी हो सकती है।
फैक्ट-
- 89 पुलिस कंपनियों के लिए आई गाडिय़ों की डिमांड
- 270 ट्रक, 100 एलएमवी, 180 रोडवेज बस और 90 एलजीवी की होगी व्यवस्था
- 150 ट्रक, 50 एलएमवी और 100 रोडवेज बसें पुलिस बल के लिए पहले दी जा चुकी हैं
- 688 एलएमवी पुलिस अधिकारियों के लिए अब तक दिए जा चुके हैं
- 400 गाडिय़ों की प्रशासन के लिए हुई व्यवस्था
- 700 बसों की चुनाव ड्यूटी के लिए रहेगी व्यवस्था
- 120 से अधिक गाडिय़ों की प्री पोल विजिट और पोस्टल बैलेट मूवमेंट के लिए लगी ड्यूटी
- 3500 कॉमर्शिलय वाहन-टैक्सी, जीप, बसें, सात सीटर गाडियों को नोटिस
- 2700 प्राईवेट सेवन सीटर गाडिय़ों को अधिग्रहण का नोटिस
वर्जन-
89 पुलिस कंपनियों के आने से अचानक वाहनों की डिमांड बढ़ गई है। हम करीब पांच हजार वाहनों की व्यवस्था लेकर चल रहे हैं। 2500 से अधिक वाहनों को एकत्र किया जा चुका है। वाहनों की कमी नहीं होने दी जाएगी।
- सुधीर कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन
कोटस-
चुनाव के दौरान निजी गाडिय़ों का भी अधिग्रहण किया जा रहा है। यह सही नहीं है। निजी गाड़ी ना होने से आम आदमी को आने जाने में परेशानी हो सकती है।
- शुभम, व्यापारी
रोडवेज बसों को इस चुनावी प्रक्रिया से मुक्त रखना चाहिए। बसों की पहले से ही कमी है। अधिकतर लोकल रूट पर कम बसें संचालित हो रही हैं। ऐसे में चुनाव ड्यूटी में लगाने से बसों की और किल्लत हो जाएगी।
- राकेश, दैनिक यात्री
मेरठ-गढ़ रूट पर चलने वाली जीप और अन्य कॉमर्शियल वाहन चलना बंद हो गए हैं। इससे गढ़ जाने वाले दैनिक यात्रियों को परेशानी होगी।
- कुलदीप शर्मा, दैनिक यात्री
दिल्ली जाने वाली अनुबंधित बसों की संख्या भी कम हो गई है और कैब भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में गाजियाबाद-दिल्ली जाने वालों को काफी देर तक रोडवेज बसों का इंतजार करना पड़ रहा है।
- प्रिंस, कारोबारी