मेरठ (ब्यूरो)। रैपिड रेल के काम के चलते फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड तक व्यापार प्रभावित हो गया है। ऐसे में व्यापारी अपने कारोबार को लेकर प्रशासन से मांग कर रहे है। व्यापारियों ने कहा कि कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे व्यापार भी चलता रहे और रैपिड रेल का कार्य भी सुचारू पूर्वक चलता रहे। ऐसी ही कुछ मांगों को लेकर शनिवार को उप्र उद्योग व्यापार मंडल के व्यापारियों ने कैंट विधायक अमित अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा।

बैरिकेडिंग के कारण व्यापार ठप
उप्र उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने कैंट विधायक को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मेरठ के यातायात को सुगम करने के लिए रैपिड रेल परियोजना पर काम चल रहा है। रैपिड रेल परियोजना रामलीला ग्राउंड दिल्ली रोड, मेरठ से अंडर ग्राउंड जानी है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से लगातार कार्य चलने के कारण फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड की व्यापार व्यवस्था रैपिड रेल द्वारा लगाई जा रही बैरिकेडिंग के कारण पूर्ण रूप से ठप्प है।

परेशान हैं व्यापारी
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद से व्यापारी परेशानी से जूझ रहे हैं। रैपिड रेल के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों की दुकानें भी तोड़े जाने की बात लगातार की जा रही है, जिसकी स्पष्ट जानकारी व्यापारियों के पास उपलब्ध नहीं हो पाती है कि किस व्यापारी की दुकान कितना टूटेगी और व्यापारी को दुकान टूटने का क्या मुआवजा मिलेगा। इन परिस्थितियों व्यापारी भय के वातावरण में अपना व्यापार कर रहा है पता नहीं कब बुलडोजर चलेगा और व्यापारी की दुकान टूट जाएगी। बैंक का ब्याज, बिजली के बिल स्टाफ की तनख्वाह, हाउस टैक्स, जीएसटी लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की रिनुअल फीस व अन्य सभी खर्चों का भार व्यापारी पर है। ऐसे में व्यापारियों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य कराया जाए।

यह रही मांगें
फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड के ट्रैफिक को बंद न किया जाये।

रोड बंद होना अति आवश्यक होने की दशा में व्यापारियों के बिजली के बिल, हाउस टैक्स,

जीएसटी बैंक के ब्याज, लेबर की तनख्वाह व घर के खर्चे के लिए प्रत्येक दुकानदार को एक लाख

मासिक दिए जाने की व्यवस्था की जाए जिससे व्यापारी अपने परिवार के जीवन यापन की व्यवस्था कर सकें।

रैपिड रेल निर्माण के लिए अधिग्रहण किए जाने वाली दुकानों के क्षेत्र की गणना नाली या नाले से की जाए।

रैपिड रेल निर्माण के कारण सड़क के दोनों और तोड़ी जाने वाली दुकानों के नुकसान का आंकलन कर सर्किल रेट का 5 गुना मुआवजा जमीन बिल्डिंग फर्नीचर फिटिंग आदि का दुकानों को तोड़े जाने से पूर्व व्यापारियों से सहमति बनाकर भुगतान करने के बाद दुकानों को तोड़ा जाए।

विस्थापित होने वाले व्यापारियों को विस्थापन का मुआवजा एक करोड रुपए प्रत्येक दुकानदार को दिलाया जाए।