मेरठ, (ब्यूरो)। कमिश्नरी पार्क में आयोजित सम्मेलन में पश्चिम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर, बिजनौर समेत मेरठ जनपद के सरधना, मवाना, किठौर, खरखोदा, सकौती, फलावदा आदि कस्बों से संगठन के पदाधिकारी पहुंचे। सम्मेलन का संचालन पूर्व महानगर अध्यक्ष नीरज कौशिक व शहर अध्यक्ष हाजी शारिक ने किया। महा सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पं आशु शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला व्यापारी सरकारी उत्पीडऩ का शिकार है। सरकार के द्वारा पिछले 5 वर्षों में व्यापारी समाज का उत्पीडऩ करने के अलावा कोई भी मदद व्यापारियों की नहीं की गई, नोटबंदी जीएसटी लॉकडाउन में हुई देशबंदी की मार व्यापारी वर्ग की कमर तोड़ चुकी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में बंद दुकानों का बिजली का बिल भी व्यापारियों से वसूला। व्यापारियों के लोन की किस्तों पर भी पेनल्टी लगा दी गई। व्यापारियों की दुकानें बंद रहीं परंतु बिजली के बिल में लोन की किस्त चालू रही। जीएसटी जैसे काले कानून से व्यापारी तबाह हो चुका है देश का पहला ऐसा कानून है जिसमें 1100 से ज्यादा संशोधन किए जा चुके हैं। पांच साल बाद भी जीएसटी का पोर्टल सही प्रकार काम नहीं कर पता कभी भी ठप हो जाता है जिसका खामियाजा व्यापारियों को पेनल्टी के द्वारा चुकाना पड़ता है।

हापुड़ रोड से निकाला जलूस
महा सम्मेलन में शामिल होने के बाद बुनकर/ पावरलूम संचालक व्यापारी बड़ी संख्या में हाथों में बैनर पोस्टर लेकर हापुड़ रोड से जुलूस निकालकर कमिश्नरी पार्क पर व्यापार मंडल को समर्थन देने पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय कवि ईश्वर चंद गंभीर जी के द्वारा प्रस्तुत की गई अपनी कविताओं से व्यापारियों मे एकता का संदेश दिया गया।

उप्र व्यापारी आयोग का गठन
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष पं। आशु शर्मा ने कहां के जब तक उत्तर प्रदेश में व्यापारी आयोग का गठन नहीं होगा तब तक व्यापारी खुशहाल नहीं हो सकता। सरकारी उत्पीडऩ व्यापारियों पर इसी प्रकार जारी रहेगा। संगठन व्यापारी आयोग की लगातार मांग कर रहा है। जब तक व्यापारी आयोग का गठन नहीं किया जाएगा तब तक संगठन का आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। व्यापारी समाज को भी किसानों की तर्ज पर एकजुटता के साथ आंदोलन चलाना पड़ेगा तभी व्यापारियों का भला हो सकता है। इस दौरान आठ सूत्रीय मांग पत्र प्रधानमंत्री वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम दिया गया।

इन प्रमुख मांगों पर हुआ मंथन
- उत्तर प्रदेश में व्यापारी आयोग का गठन
- व्यापारियों के साथ बढ़ती अपराधिक घटनाओं को देखते हुए व्यापारियों को शस्त्र लाइसेंस प्राथमिकता के आधार
- बुनकर व्यापारियों की बिजली सब्सिडी बहाल
- जीएसटी कपड़ा व्यापार से खत्म की जाए
- किसानों की तर्ज पर व्यापारियों का पांच लाख तक का विभिन्न सरकारी योजनाओं से लिया गया कर्ज माफ हो
- व्यापारियों को 50 लाख तक का ऋण बिना बैंक गारंटी के उपलब्ध कराया जाए
- जीएसटी की समस्याओं के समाधान के लिए एकल खिड़की समाधान में जीएसटी का एक ही स्लेब रखा जाए

ये रहे मौजूद
सम्मेलन में सरदार मंजीत सिंह कौछड, प्रदेश महामंत्री सुमेर सिंह धार, प्रदेश उपाध्यक्ष पीयूष वशिष्ठ, प्रदेश सचिव बॉबी पंडित, मेरठ मंडल प्रभारी धर्मेंद्र सिंह मेरठ मंडल महासचिव संजीव त्यागी आदि मौजूद रहे।