मेरठ (ब्यूरो)। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अन्तर्गत की जा रही कार्यवाही से व्यापारियों को आ रही परेशानियों के निस्तारण के लिए सोमवार को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने सहायक आयुक्त से मुलाकात कर अपनी 10 प्रमुख मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अनुसार कार्यवाही करने की मांग की।
टर्न ओवर की सीमा बढ़ाने की प्रमुख मांग
सहायक आयुक्त से मुलाकात कर प्रतिनिध मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने बताया कि खेती में कीटनाशक व रासायनिक खाद डालने का मानक तय नहीं है। इससे सिंचाई के लिए प्रयोग किये जाने वाला जल पूरी तरीके से दूषित हो चुका है, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है। कीटनाशक व रासायनिक खाद के मानक तय किए जाए। जब तक नए सिरे से मानक तय नहीं किये जाते है तब तक व्यापारियों के सैम्पिल न भरे जाएं। साथ ही व्यापारियों ने मांग करते हुए बताया कि सभी प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में रजिस्ट्रेशन के लिए 12 लाख तक के टर्न ओवर की सीमा तय की गई है, लेकिन 12 लाख रूपये की सीमा मंहगाई के हिसाब से बहुत कम है। व्यापारियों ने मांग कि 12 लाख टर्न ओवर के स्थान पर 40 लाख वार्षिक टर्न ओवर तक का काम करने वाले व्यापारियों की रजिस्टे्रेशन की सीमा में रखा जायें।
इन मांगों पर कार्यवाही की मांग
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में फूड एक्ट का लाइसेंस न पाए जाने पर सजा का प्राविधान खत्म किया जाये। जुर्माना अधिकतम रजिस्टेऊशन व लाइसेंस फीस का दोगुना किया जाये।
प्रशासनिक अधिकारी अपर जिला मजिस्ट्रेट आदि को न्याय निर्णयक अधिकारी राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये हैं। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (फूड एक्ट) के लिये पूर्णकालिक न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति की जानी आवश्यक है, जिससे व्यापारी को शीघ्र न्याय मिल सके।
खाद्य पदार्थों की पैकिंग की आईटम में रिटेल का व्यापारी कोई मिलावट या कमी नहीं कर सकता है। पैकिंग कम्पनियों द्वारा तैयार कर भेजी जाती है, इसलिए पैकिंग के सामान में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाने पर सिर्फ पैकिंग करने वाले फर्म या कम्पनी को ही दोषी माना जाए होलसेलर व रिटेलर को दण्डित न किया जाये।
खाद्य पदार्थों का व्यापार ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई व मल्टी नेशनल कम्पनियों के द्वारा किया जा रहा है, परन्तु ऑनलाइन फूड सप्लाई के डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों के पास फूड लाइसेंस नहीं है। नियमों के अनुसार रजिस्टे्रश्न व लाइसेंस बनवाये जाने के आदेश पारित किया जाए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मल्टी नेशनल कम्पनी व फूड सप्लाई चेन के डिलीवरी होने वाले सामानों की सैम्पलिंग नहीं की जा रही है। इनकी सैम्पलिंग भी नियमानुसार की जाए।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न मॉगी जा रही है। निर्धारित समय पर जमा न करने पर 100 प्रतिदिन लेट फीस लगाई जा रही है। 5 करोड़ तक टर्न ओवर वाले निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न की व्यवस्था समाप्त की जाए।