मेरठ (ब्यूरो)। गर्मियों के दिनों में लगातार बिजली कटौती बढ़ जाती है। इसका कारण बिजली घरों से लेकर ट्रांसफॉर्मर तक पर पडऩे वाला लोड होता है। मगर, कई बार बिजली विभाग के कर्मचारी बिना किसी कारण भी बिजली कटौती कर व्यवस्था को बाधित कर देते हैैं। साथ ही कई बार फॉल्ट होने पर घंटों तक उसे सही नहीं किया जाता है। गर्मियों में इसका दंश शहर की जनता को झेलना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए ऊर्जा भवन में आरटीडीएएस कंट्रोल रूम तैयार किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार से पीवीवीएनएल को 11 करोड़ रुपए मिल भी चुकें हैैं और कंट्रोल रूम का काम भी जल्द पूरा होने वाला है।
तुरंत बजेगा अलार्म
इस सिस्टम के माध्यम से बिजली घरों की आपूर्ति देखने के साथ ही उसे पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकेगा। इसके शुरू होने के बाद बिजली घरों में होने वाले वोल्टेज और लोड समेत ट्रिपिंग, ट्रिपिंग का टाइमिंग और ट्रिपिंग का कारण, लो या हाई वोल्टेज, फॉल्ट, फॉल्ट सही करने की टाइमिंग से लेकर शटडाउन की अवधि, हाई और लो वोल्टेज के दौरान पावर कट की टाइमिंग आदि को मॉनिटर किया जाएगा। इनमें से किसी भी कारण से पावर कट होते ही कंट्रोल रूम में अलार्म बजेगा। साथ ही संबंधित बिजली घर की कंट्रोल रूम से तुरंत मॉनिटरिंग शुरू हो जाएगी।
बिजली घरों पर एफआरटीयू
आरटीडीएएस के तहत मॉनिटर करने के लिए बिजली घरों पर भी फीडर रिमोट टर्मिनल यूनिट (एफआरटीयू) लगाया जा रहा है। इससे बिजली घरों के फॉल्ट समेत सप्लाई संंबंधित सभी प्रकार का डाटा ऑनलाइन कंट्रोल रूम तक पहुंचेगा। इसके तहत पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के 1345 बिजली घरों में से 497 शहरी बिजली घरों पर यह सिस्टम लगना है। जबकि अब तक 289 बिजली घरों पर सिस्टम लगाया भी जा चुका है। इनमें से 163 बिजली घरों का डाटा ऑनलाइन शुरू हो चुका है। वहीं, शहर के 30 बिजली घर भी कवर किए जा चुके हैं। जबकि जिले के कुल 87 बिजली घर कवर होने हैैं।
कंट्रोल रूम में नोडल अधिकारी की नियुक्ति रहेगी। लेकिन, इसकी सीधी निगरानी एमडी पावर करेंगे। इसलिए कंट्रोल रूम से शहर की पावर सप्लाई में जल्द सुधार दिखाई देगा।
विजयपाल, एसई सिटी