मेरठ ब्यूरो। सीसीएस यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में ज्योतिष विषयवर्कशॉप आयोजित की गई। इसमें लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत यूनिवर्सिटी दिल्ली के ज्योतिष विभाग के आचार्य प्रो। विनोद कुमार शर्मा मुख्य वक्ता रहे। इस अवसर पर उन्होंने ज्योतिष विज्ञान की महत्ता को बताया।
ज्योतिष का आधार है काल
उन्होंने कहा कि समर्थ व्यक्ति किसी भी कार्य को संपन्न कर सकता है। जब तक व्यक्ति क्रियाशील जीवन को न जिए तब तक पढा लिखा भी मूर्ख होता है। काल ज्योतिष का आधार है, ज्योतिष किसी को डराने का काम नहीं करता। ज्योतिष में निहित उपायों एवं उपचारों से किसी भी रोग व किसी भी दोष का उन्मूलन किया जा सकता है। ज्योतिष कर्मवाद के सिद्धान्त पर आधारित है। व्यक्ति द्वारा पूर्व के कर्मों के फल परिणाम की व्याख्या ज्योतिष से होती है।
फलित की व्याख्या की
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को समय हमेशा प्रभावित करता है। फलित की व्याख्या करते हुए ज्योतिषी चार परिपेक्ष्य का ध्यान रखना चाहिए 1. वंशानुक्रम 2. वातावरण 3. प्रयत्न 4. काल।
काल अनुकूल है व्यक्ति
काल के विषय में विभाग के समन्वयक प्रो।वाचस्पति मिश्र ने बताया कि काल यदि अनुकूल है तो व्यक्ति रंक से राजा बन जाता है। वही प्रतिकूलता के समय राजा से भिक्षुक बन जाता है। उन्होंने काल का जनमानस पर पडऩे वाले प्रभावों को कई उदाहरणों से समझाया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कर्मकाण्ड विषय के छात्रों ने मंत्रोच्चार से किया।
ये लोग रहे मौजूद
इस दौरान संस्कृत विभाग के अध्यापक डॉ।राजबीर, डॉ।नरेन्द्र कुमार, ओमपाल सिंह शास्त्री एवं आचार्य आशुतोष शर्मा व विद्यार्थी आकाश, अमित, जितेन्द्र, मनीष, वीरेन्द्र,प्रदीप, राहुल, सौरभ, शुभम, ध्यान प्रकाश, जितेन्द्र प्रसाद, अशोक कुमार, अश्निका अंजुल, धर्मेन्द्र, नमन, रश्मि, नीता, आयुष, रिंकी, अनुज, प्रताप, प्राची, रूमा, कृष्णा, साहिल तरीका, सुमित शर्मा बबलू उपस्थित रहे। संस्कृत विभाग के समन्वयक प्रो।वाचस्पति मिश्र ने सभी का धन्यवाद किया।