- बाट एवं मापतौल विभाग की जांच में 150 ग्राम के पैकेट में 12 से 15 ग्राम कम मिला वजन
- कंपनी और 5 डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए किया 50-50 हजार रुपए का फाइन
- सिटी की कई दुकानों से सैंपल के लिए डिपार्टमेंट ने 32 पैकेट
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Meerut : नकली दवाओं, नकली मेडिकल औजारों, मिलावटी खाद्य पदार्थो के बाद अब खाद्य वस्तुओं के वेट में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने एक बिस्किट बनाने वाले कंपनी पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाते हुए कार्रवाई की गई है। अधिकारियों की मानें तो करीब डेढ़ महीने पहले वजन को लेकर शिकायत हुई थी, जिसके बाद इनके सैंपल लिए गए थे। सैंपल में वजन कम मिला था।
12 से 15 ग्राम मिला कम वजन
बाट एवं मापतौल विभाग ने करीब डेढ़ महीने पहले शिकायत के बाद क्रीमिका बिस्किट के सैंपल कई जगहों से लिए गए थे। डिपार्टमेंट की ओर से कुल 32 सैंपल लिए गए थे। जिन्हें जांच के लिए भेजा गया था। जांच में पता चला कि हर बिस्किट के पैकेट में 12 से 15 ग्राम तक वजन कम है। अधिकारियों की मानें तो कंपनी ने अपने पैकेट में जो वजन घोषित किया हुआ था वो 150 ग्राम है।
3 लाख रुपए का जुर्माना
रिपोर्ट आने के बाद डिपार्टमेंट के आलाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कंपनी और डायरेक्टर्स के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी किया, जिनका जवाब संतोषजनक नहीं था, जिसको लेकर कंपनी समेत पांच डायरेक्टर्स के खिलाफ 50-50 हजार रुपए का कुल तीन लाख रुपए का जुर्माना किया है। अधिकारियों की मानें तो क्रीमिका बिस्किट एक नामी कंपनी है, जिनके प्रोडक्ट में इस तरह की अनियमिता पाया जाना काफी बड़ी बात है।
हिमाचल की है कंपनी
बाट एवं मापतौल डिपार्टमेंट के सीनियर इंस्पेक्टर मनोज कुमार की मानें तो क्रीमिका बिस्किट वेक्टर फूड स्पेशियलिटी लिमिटेड की है, जिसकी फर्म हिमाचल स्थित थालीवाल में हैं। जहां कंपनी के पांचों डायरेक्टर हैं। कंपनी और उसकी अनियमितता की पूरी रिपोर्ट आलाधिकारियोंको दे दी गई है।
कंपनी के बिस्किट का वजन किया गया तो पाया गया कि हर पैकेट में करीब 12 से 15 ग्राम कम है। जबकि घोषित वजन से कम नहीं होना चाहिए। हिमाचल की इस कंपनी के खिलाफ 3 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है।
- मनोज कुमार, सीनियर इंस्पेक्टर, बाट मापतौल अधिकारी
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इस धारा के अंतर्गत हुई कार्रवाई
वेक्टर फूड स्पेशियलिटी लिमिटेड के खिलाफ बाट एवं मापतौल अधिकारियों ने डिपार्टमेंट के अंतर्गत आने वाली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अधिकारियों के अनुसार कंपनी के खिलाफ विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 की धारा 36 की उपधारा 2 के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। अधिकारियों के अनुसार कंपनी द्वारा अपनी गलती मानी गई है और उन्होंने सिटी से अपना पूरा स्टॉक उठाकर नया स्टॉक मार्केट में उतार दिया है।