मेरठ (ब्यूरो)। पति बीमार हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। मैं उन्हीं के साथ हूं। बेटी घर पर अकेली है। उसकी देखभाल के लिए तुम रात में घर पर रूक जाना। 13 साल की बेटी को मां ने दूधवाले के हवाले छोड़ दिया और खुद पति की तीमारदारी के लिए अस्पताल में रूक गई। नतीजन दूधवाले के 13 साल की लड़की के साथ रात भर दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब बेटी 5 महीने की गर्भवती मिली। वहीं मां ने बताया कि दूध वाले के साथ घर जैसे संबंध बन गए थे। वह अक्सर घर आता रहता था। इसी भरोसे पर बच्ची को उसके हवाले छोड़ दिया था। इस मामले को सुन हर कोई हैरान हो गया। ये मामला अकेला नहीं हैं। बाल अपराध के तहत यौन शोषण के कई मामलों में ऐसे ही चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि इन मामलों में 10 फीसदी से ज्यादा मामलों में अपनों ने भरोसा तोड़ा है।
पापा करते हैं गंदी बात
बच्चियों के साथ होने वाले दुष्कर्म के मामले रिश्तों की गरिमा को पूरी तरह तार तार कर रहे हैं। पैदा करने वाले पिता ही अस्मत लूटने वाला बन रहा है। बोर्डिंग स्कूल में पढऩे वाली दो लड़कियों ने छुट्टियों में घर जाने से मना कर दिया। वजह पूछने पर उन्होंने डरते-डरते जो खुलासा किया वह बेहद खौफनाक निकला। बच्चियों ने बताया कि घर जाती हैं तो पिता ही उनके साथ गंदा काम करते हैं। किसी को बताने पर सजा देने की बात करते हैं। पिता की हैवानियत से तंग आकर बच्चियों ने स्कूल में ही रूकने का फैसला लिया। जांच के दौरान बाल यौन हिंसा के शिकार हुए कई बच्चों ने ऐसे ही रोंगटे खड़े करने वाले खुलासे किए हैं।
मां की चुप्पी पड़ी भारी
मां बच्चियों की ढ़ाल होती है। जिले में लेकिन कई मांओं की चुप्पी ही उनकी बेटियों का जीवन खराब कर रही हैं। बाल यौन शोषण की शिकार हुई बच्चियों ने काउंसलिंग के दौरान ऐसे ही खुलासे किए हैं। बच्चियों ने बताया पिता ही उनके साथ दुष्कर्म करते हैं। हर दिन उनके साथ गलत काम होता हैं।पूरी जानकारी होने के बावजूद मां सिर्फ इसलिए चुप रही क्योंकि उसे घर टूटने का डर था। जांच के दौरान ये भी पता चला की कई बार सौतले पिता ही बेटियों पर इस तरह के कहर ढहाते हैं। कलयुग में खून के सगे रिश्तों की हत्या करने वाले ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं।
समाज में जागरूकता की बेहद कमी है। सौतले माता-पिता की भूमिका अक्सर ऐसे मामलों में संदिग्ध मिलती है। बच्चों को गुड टच-बैड टच की जानकारी होना बहुत जरूरी है। घर में ही बच्चे सुरक्षित नहीं हैं।
पूनम शर्मा, सदस्य, बाल कल्याण समिति
यौन हिंसा के बढ़ते मामलों के पीछे मुख्य वजह ओटीटी प्लेटफॉर्म और वेबसीरीज में परोसी जा रही अश्लीलता बन रही हैं। समाज भटक रहा है। बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। जागरूकता लाना बेहद जरूरी है।
डॉ। विभा नागर, क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट