मेरठ (ब्यूरो)। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। होलिका दहन से आसपास की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है। इसके अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाती है। इस बाबत ज्योतिष व पंडितों ने बताया कि इस साल होलिका दहन 17 मार्च को है। वहीं रंगों का त्योहार होली 18 मार्च को खेली जाएगी। होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त 9.06 बजे से 10.16 बजे तक लगभग एक घंटे का रहेगा। इसके बाद शुक्रवार दोपहर 12.13 बजे तक भद्राकाल रहेगा। जो होलिका दहन के लिए अशुभ समय है।

होली 2022 शुभ मुहूर्त
-ज्योतिष व पंडितों के अनुसार होलिका दहन 17 मार्च गुरुवार को है।
-होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9. 06 बजे से रात 10.16 बजे तक रहेगा। रंग वाली होली 18 मार्च 2022 को है।
-इस दिन भद्रा पुच्छ रात 9.06 बजे से रात 10.16 मिनट तक रहेगा।
-भद्रा मुख रात 10.16 बजे से लेकर 18 मार्च की दोपहर 12.13 बजे तक है।

कोट्स
होली पर शुभ मुहूर्त के हिसाब से ही होलिका दहन करना चाहिए, मुहूर्त में पूजन करने से व विधि विधान के साथ करने से ही लाभ मिलता है।
श्रीधर त्रिपाठी

इसबार एक घंटा का होलिका दहन का मुहूर्त है। होलिका पर बहुत ही खास योग बन रहे हैं। जो सभी राशियों पर अच्छा प्रभाव डालने वाले हैं।
डॉ। दिनेश दत्त शर्मा

इस दिन सभी अपनी विभिन्न बाधाओं को दूर करने के लिए उपाय करते हैं। वास्तव में ये उपाय लाभकर होते भी हैं। इनको करना चाहिए।
भारतज्ञान भूषण

खास योग के बनने से इसबार की होली सभी राशियों के लिए लाभदायक ही साबित होने वाली है। बस सही समय पर ही मुहूर्त पर ही पूजन करना चाहिए।
विवेकदत्त शर्मा

ये बन रहे खास संयोग
इस साल होली पर वृद्धि योग, अमृत सिद्धि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। वृद्धि योग में किए गए कार्यों से लाभ प्राप्त होने की मान्यता है। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग में कार्यों से पुण्य प्राप्त होता है। ध्रुव योग से चंद्रमा और सभी राशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा होली पर इस साल बुध-गुरु की युति से बुद्धादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है।

क्या करें विशेष
फाल्गुन पूर्णिमा अर्थात होली की सुबह अपने इष्ट देवता के साथ-साथ हनुमान व भैरों की पूजा जल, रोली, कलावा, चावल, फूल, गुलाल, चंदन, नारियल व प्रसाद से करके आरती पश्चात सभी देवताओं को दंडवत प्रणाम करें। फिर सबके होली तिलक लगाएं। फिर थोड़े से तेल को घर के सभी बच्चों का हाथ लगाकर माला बनाएं तथा बड़ों का आशीर्वाद लेकर घर में टांग दें। जिससे नाकारात्मक प्रभाव के स्थान पर सकारात्मक प्रभाव बढ़े। सभी प्रकार के अच्छे भोजन, नमकीन, मिठाई बनाकर देवताओं के नाम के निकालकर ब्राह्मïणों को अर्पित करें।