मेरठ (ब्यूरो)। अपने शहर की बहुत-सी सच्चाइयों में से एक यह भी है कि हमने नालों को डस्टबिन बनाकर रख दिया है। घर से, दुकान से कूड़ा उठाया और नाले में फेंक दिया। यह भी नहीं सोचा कि इसका नतीजा क्या होगा। कुछ लोगों की इस करतूत से कमोबेश पूरा शहर जलभराव भोगता है, गंदगी झेलता है। खबर ये है कि नगर निगम नालों में एक ऐसा जाल लगाने का विचार कर रहा है, जो नालों को चोक होने से बचाएगा। नगर निगम आसपास के लोगों को समझाएगा भी कि कूड़ा नाले में न डालें। इसके बावजूद न सुधरे तो जुर्माना देने के लिए तैयार रहना होगा। कुल-मिलाकर यह प्लान अच्छा है।
450 जगह लगेंगे जाल
दरअसल, नालों की गंदगी और उनके ओवरफ्लो होना सबसे बड़ी समस्या है। वहीं इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है आसपास के लोग या व्यापारी नगर निगम के डस्टबिन या कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ों को कूड़ा देने के बजाए नाले में फेंक देते हैं। जिससे नाले चोक हो जाते हैैं। अब नाले से इस कूड़े को निकालने के लिए शहर के नालों मे 450 से अधिक जगह चिंहित कर बड़ी-बड़ी लैंड स्केप जालियां लगाई जाएंगी। इन जालियों को कुछ क्षेत्र या बाजार के हिसाब से कवर करते हुए लगाया जाएगा। जिससे उस क्षेत्र का कचरा नाले में बहकर आगे दूसरे क्षेत्र में न जा सके।
चेतावनी भी, कार्रवाई भी
इसके बाद नाले से हर रोज या सप्ताह में जाल में अटका कूड़ा निकाला जाएगा। उस कूड़े में आसपास के क्षेत्र या बाजार का कूड़ा अधिक मिलने पर स्थानीय लोग और व्यापारियों से अपील की जाएगी कि नाले में कूड़ा न फेंके। यदि नाले से निकाले गए कचरे में आसपास के दुकानदारों के द्वारा फेंकी गई गंदगी अधिक होगी तो उनको चेतावनी देकर कार्रवाई भी की जाएगी।
कलेक्शन की व्यवस्था
नालों से निकाली जाने वाली इस गंदगी के आधार पर यह भी अनुमान लगाया जाएगा कि यदि उस क्षेत्र के लोग नालों में घरों की गंदगी फेंक रहे हैं तो उनके क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कम हो रहा है। इसके आधार पर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। साथ ही क्षेत्र में डस्टबिन की संख्या बढ़ाई जाएगी।
इस योजना के दो उद्देश्य हैं। पहले नालों से कूड़ेृ-कचरे की गंदगी को दूर करना। दूसरा आसपास के क्षेत्र की कूड़ा निस्तारण की समस्या को दूर करना। इसके लिए अभी 450 से अधिक जगह जाली लगाने की योजना बनाई गई है।
रवि शेखर, खाद्य एवं सफाई निरीक्षक