मेरठ (ब्यूरो)। आखिरकार अमृत योजना के तहत शहर के पार्कों का सौंदर्यीकरण और उन्हें हरा-भरा बनाने का काम पूरा हो गया है। मगर ये कोई खबर नहीं है, खबर ये है कि सौंदर्यीकरण के चक्कर में नगर निगम पार्क की सफाई करना ही भूल गया। यकीन नहीं आता तो जागृति विहार सेक्टर-3 के आजाद पार्क को ही ले लीजिए। इस पार्क का दो माह पहले निर्माण विभाग ने नवीनीकरण तो कर दिया लेकिन पार्क से निर्माण का मलबा, कटे हुए पेड़, झाडियां दो माह बाद भी नहीं हटाई गई हैैं। स्थानीय नागरिक अभिषेक शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर नगर निगम को टैग करते हुए तमाम तस्वीरें टवीट कर सफाई कराने की मांग की है।

हो रहा पार्कों का सौदर्यीकरण
गौरतलब है कि अमृत योजना के अंतर्गत पार्कों के सौंदर्यीकरण की कयावद वित्तीय वर्ष 2015-16 में शुरू हुई थी। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2019-20 तक कुल 11 पार्कों का सौंदर्यीकरण करने की योजना बनी। इसके लिए अमृत योजना से लगभग 13.56 करोड़ रुपए धनराशि स्वीकृत हुई। इसके अलावा शहर के 623 से अधिक छोटे पार्कों के भी सौंदर्यीकरण का काम निर्माण विभाग तेजी से करा रहा है। इसके तहत पार्क में लाइट, झूले, बैंच, रैंप वॉक, बाउंड्री वाल आदि का निर्माण कराया जा रहा है।

पार्कों का हाल बदहाल
अमृत योजना के तहत ही जागृति विहार सेक्टर-3 के आजाद पार्क का निर्माण कार्य छह माह पहले शुरू किया गया था जो कि दो माह पहले पूरा भी हो गया। मगर निर्माण के दौरान काटे गए पेड, झाडिय़ां, मलबा, ईंट और पत्थर आज तक पार्क में ही इधर-उधर पड़े हुए हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार निगम से ही इस मलबे की सफाई की मांग भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस अव्यवस्था के कारण न तो स्थानीय लोग पार्क में वॉक कर पा रहे हैं और न ही बच्चे खेल पा रहे हैैं।

फैक्ट्स पर एक नजर
625 नगर निगम के दायरे में पार्कों की संख्या।

380 पार्क विकसित और 245 अविकसित पार्क निगम के दायरे मेंंं शामिल हैं।

2015-16 में शुरू हुई थी अमृत योजना के अंतर्गत पार्कों के सौंदर्यीकरण की कयावद।

2019-20 तक कुल 11 पार्कों का सौंदर्यीकरण करने की योजना बनी थी।

2019-20 से पार्कों के सौंदर्यीकरण काम शुरू हो गया था।

अमृत योजना में गंगानगर, शास्त्रीनगर, जागृति विहार, पल्लवपुरम क्षेत्र को ही वरीयता दी गई।

इनका है कहना
पार्क बने हुए दो माह से अधिक समय हो गया है लेकिन मलबा, कटे पेड, झाडिय़ां तक हटाई नहीं गई है। सफाई कर्मचारी इस क्षेत्र में आते तक नहीं। ऐसे पार्क का हम क्या करें।
अभिषेक शर्मा

पार्क बना तो दिया लेकिन लोग इसका उपयोग ही नहीं कर पा रहे हैं। चारों तक तरफ गंदगी है और मलबा पड़ा है। पेडों की टहनियां, झाडिय़ां ईंट-पत्थर के कारण वहां घूमने-फिरने भी मुश्किल है।
हरि ओम माथुर

नगर निगम को पार्कोे की सुध लेनी चाहिए। जब निर्माण विभाग ने पार्क का सौंदर्यीकरण कर दिया तो पार्क में साफ-सफाई क्यों नहीं की गई। यह तो सरासर निगम की लापरवाही है।
सतेंद्र डागर

जल्दबाजी में ठेकेदार काम करके चला गया जबकि उसकी जिम्मेदारी थी निर्माण के बाद पार्क से मलबा हटना और चारों तरफ साफ-सफाई करना, मगर ऐसा नहीं हुआ।
सुधीर शर्मा

इस पार्क के विषय में कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा कुछ है तो वहां जल्द से जल्द टीम भेजकर सफाई की व्यवस्था दुरूस्त कराई जाएगी।
डॉ। हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी